हमारे आस पास नकारात्मक और दोषदर्शी लोग हमेशा मौजूद रहेंगे. यदि हम उनकी बातों को सुन कर, डर कर बैठ जाएंगे, तो काम कैसे चलेगा. लोगों की बातें या भविष्य वाणी सुन कर, हार मान लेना, बिना परीछा दिए ही फेल हो जाने जैसा है. ऎसी बातों को अनसुना कर अपने काम में जुट जाएं — भविष्य वाणियों के हवाले न करें, अपनी काबिलियत.