मस्त विचार 2912
इस जमाने को मुझसे बड़ी शिकायत है,
मैं क्या करूँ मुझे सच बोलने की आदत है.
मैं क्या करूँ मुझे सच बोलने की आदत है.
बहुत बड़ा अभिशाप जगत में, अंधकार का जीवन जीना.
परिस्थितियों को बदलने का प्रयास करते हैं.
लेकिन अगर हम बदलेंगे तो दुनिया भी बदल जाएगी.
अगर स्वयं का करने लगे तो अपना जीवन संवार लेगा.
शुरुआत ख़ुद से कीजिए “दूसरों से नहीं”
जो हमारे अपने हमसे चाहते हैं.
गमों की आग में जलती है जिंदगी,
ठोकर लगे तो गम मत करना,
ठोकर लगा कर संभालती है जिंदगी.