मस्त विचार 4389
इतना कमजोर मत बनो कि कोई आपको तोड़ सके,
बल्कि इतना मजबूत बनो कि आपको तोड़ने वाला खुद ही टूट जाए.
बल्कि इतना मजबूत बनो कि आपको तोड़ने वाला खुद ही टूट जाए.
*मौन से अच्छा कोई “साधन” नहीं, और शब्द से तीख़ा कोई “बाण” नहीं*_
क्योंकि आपके पास उनकी बातों को ध्यान देने के लिए समय ही नहीं होगा.
खुश नहीं गर ज़िंदगी से, तो वजह तुम खुद ही हो,
अपनी ऊर्जा को किसी ऐसी चीज़ में निवेश करें जो आपके विकास में योगदान करने वाली हो.
उसका चौबीसवाँ हिस्सा भी सकारात्मक सोचने में लगाये तो, सारे समाधान हाथ में होते हैं.