जिन्दगी तो युं ही चलती रहती है… पर कुछ अलग हो जाये तो … “क्या बात है” नही सबुत हमारे रंगो का…
पर कोई इंद्रधनुष बना जाये तो…
“क्या बात है”
नही कहना किसी से कुछ…
पर बिना कहे हीं कोई समझ जाये तो…
“क्या बात है”
अलग-अलग चहेरो की है ये दुनिया…
पर कोई युं ही हसा जाये तो…
“क्या बात है”
जिन्दगी प्यार का दुसरा नाम है…
पर “तुम्ही प्रेम हो ” कोई कह जाये तो…
“क्या बात है”
जीते तो है सभी अपने लिये पर…
कोई दुसरो के लिये जी जाये तो…
“क्या बात है”
वैसे तो कुछ लिखना आता नही हमे…
पर युं ही कुछ लिख डाले और…
आप को पसंद आ जाये तो कहना ……कि
“क्या बात है”
“क्या बात है”