बोर, बोरियत, ऊब, उबाऊ, डिप्रेशन, नीरसता या समानता से थक जाना – 2011

कोई उबाऊ विषय नहीं हैं, केवल उदासीन मन हैं.

There are no boring subjects, only disinterested minds. – Gilbert K. Chesterton

जब लोग ऊबते हैं तो यह मुख्य रूप से स्वयं से होता है.

When people are bored it is primarily with themselves. – Eric Hoffer

डिप्रेशन [ Depression ] क्या है ?

जिन विचारों या बातों को हमारा दिमाग सही मानता है, और फिर भी हम उनको जीने का साहस नहीं कर पाते, _तो वही विचार हमको बीमार बनाते हैं, यही है ” डिप्रेशन “

Note : जब कोई हमारे दिमाग पर कब्जा कर लेता है तो _हमें अपना सब कुछ गंवाना पड़ता है.

_दौलत की लूट से ज्यादा खतरनाक है, दिमाग का लुट जाना..

डिप्रेशन, बोरियत, निराशा, चिड़चिड़ापन, आक्रोश, गुस्सा, ईर्ष्या और डर जैसी भावनाएँ, बुरी खबर होने के बजाय, वास्तव में बहुत स्पष्ट क्षण हैं _जो हमें सिखाते हैं कि हम कहाँ रुके हुए हैं.

_ वे हमें सिखाते हैं कि _ जब हमें लगे कि हम ढह जाना पसंद करेंगे और पीछे हटना चाहेंगे तो हम खुश हो जाएं और झुक जाएं ;

_ वे हमारे सहयोगी की तरह हैं _ जो स्पष्टता के साथ हमें दिखाते हैं कि हम कहां फंस गए हैं..

_ यह क्षण ही आदर्श शिक्षक है, और, हमारे लिए भाग्यशाली है, हम जहां भी हों, यह हमारे साथ है… हमारे आनंद से जुड़ने में सबसे बड़ी बाधा “नाराजगी” है.

बोरियत [ Boredom ] मानसिक और आध्यात्मिक रूप से अलग होने से आती है.
बोरियत नवीनता की खोज को प्रेरित करती है ; 

_बोरियत के बिना, इंसानों को साहस और नवीनता की तलाश की इच्छा नहीं होगी

_ इससे ही हम जिज्ञासु और लगातार अगली नई चीज की तलाश में होते हैं.

_बोरियत एक भावनात्मक संकेत है कि _हम वह नहीं कर रहे हैं _जो हम करना चाहते हैं;

_अर्थात बोरियत नए लक्ष्यों का पीछा करने के लिए प्रेरित करती है.

जब भी बोरियत का अनुभव हो, _आप उस पल में अपने दिमाग या ऊर्जा के साथ _कुछ और कर के _इसे खत्म कर सकते हैं.!!
मैं आप के लिए बहुत खुशी की कामना नहीं करता–यह आपको बोर कर देगा;

_मैं भी नहीं चाहता कि आप को परेशानी हो;

_ लेकिन, लोगों को दिखावा करते हुए, नहीं जियो ;

_ मैं बस दोहराऊंगा: ‘ज्यादा जियो’ और कोशिश करें कि _किसी तरह बहुत ज्यादा बोर न हों;

_ इसी ख़्वाहिश के साथ ‘ज्यादा जियो’

मन के उब जाने के बाद इस बात कि जरा भी फिक्र नहीं रहती कि अब सब कुछ कैसे खत्म किया जाए, _ बात चाहे किस्से कहानियों की हो,रिश्ते की हो या हो जिंदगी की सब अधूरा रह जाता है…!
भागदौड़ भरी जिन्दगी में हम सबकुछ करते हैं, बस खुदका ख्याल रखना भूल जाते हैं.

_ यह भूल शुरुआत में बहुत ही सामान्य लगती है ..लेकिन वक्त जैसे जैसे आगे बढ़ता है.

_ यह हमारे सामने कभी एंजाइटी तो कभी डिप्रेशन के रूप में आने लगती है और सामान्य नहीं रह जाती.

_ यह हमें एक ऐसी खाई की तरफ ले जाती है ..जहां पर सिर्फ अंधेरा ही अंधेरा होता है.

_ ऐसे में हमें सबसे पहले खुदका और खुद की मनोदशा का ख्याल रखने की जरूरत है.

_ खुद को सदैव अच्छा फील कराने की जरूरत है.

_ यह समझने की जरुरत है कि ..अपनी मेंटल हेल्थ और इमोशनल बैलेंस को कैसे स्थापित किया जा सकता है.

_ यह बातें छोटी मगर बेहद ही जरूरी हैं.

_ कुछ लोग इस जरूरत को खुद ही समझ जाते हैं, कुछ लोगों को इसे समझने में दिक्कत आती है.

_ अपने मनोदशा को समझने के क्रम में तरह तरह के संगीत और कला का आनंद ले सकते हैं.

_ तरह तरह की शारीरिक गतिविधियों और प्रकृति के माध्यम से अपने आपको हिल [ heal ] कर सकते हैं.

आनंद क्या है ? – 2024

आनंद क्या है ?

जब मन पर न सुख हावी है, न दुख हावी है, तब मन का जो निर्बोझ होना है, जो ख़ालीपन है, “उसे ‘ आनंद ‘ कहते हैं”.

क्या कोई व्यक्ति उन कठिनाइयों का भी आनंद ले पाता है जो उसे वैसा व्यक्ति बनाने में मदद करती हैं ?

आनंद का सिद्धांत यह है कि, जब आप वह सब कुछ कर लेते हैं जो आप कर सकते हैं, और आपने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर लिया है और अपना सब कुछ दे दिया है,

_ तो आपको इसे उस पर छोड़ देना है जिसे आप रब कहते हैं.

जीवन का आनंद सिर्फ शोर-शराबा या हंगामा नहीं होता,

_एकांत, मौन और शांति के अपने-अपने गुण हैं.!!

” आनंद क्या है ” ? स्वयं से मुक्त होने पर मन का उत्सव.

_ “जो आनंद में है, वह किसी का नहीं, सबका है.”

” आनंद सदैव न हो तो आनंद नहीं है ” _ दुख आता है, जाता है। सुख भी आता है, जाता है।

” जो न आता कभी और जो न कभी जाता है, उसका नाम ही आनंद है ” जो हमारा स्वभाव है, स्वरूप है. और जो व्यक्ति भी इस भीतर के स्वरूप में थिर हो जाता है, आनंद को उपलब्ध हो जाता है, स्वयं में स्थित हो जाता है.

“जीवन आनंद के लिए है”

_ आप तो आनंद में रहिए, ‘यही है आनंद’

_ बाकी जिसकी किस्मत में आनंद नहीं, उसके लिए आप क्या कर सकते हैं ?

_ बाकी कोई गुस्सा हो, दुखी हो तो ये उसके मन के कारक हैं.

_ उसके मन के कारक के लिए आप कहां जिम्मेदार ?

_ आप तो अपने जीवन को हमेशा कलरफुल रखिए.. “रंगीन”

“आनंद कहीं बाहर नहीं है ; _ यह हमारे ध्यान को ठीक करने में, स्वभाव की स्थिरता में, और हमारे मन की वापसी में है ; _ जो लोग इस रहस्य को जानते हैं _ उन्हें खुशी की तलाश बाहर नहीं करनी चाहिए !!”बूंद के पीछे सागर फैला है, सागर बूंद को सहारा देता है ; _ बूंद को सागर का बोध करा देना, यही सब यथार्थ है !! _लालाजी
मज़ेदार बात समझो ! एक बार आपने इस बात पर ध्यान देना बंद कर दिया कि _ ” सुख मिल रहा है कि दुःख, “उसके बाद न सुख मिलता है न दुःख.उसके बाद वो मिलता है , _ जिसे आप सच्ची खुशी कहते हो, समझने वाले जिसे आनंद कहते हैं.
यदि हम सोचते हैं कि _आनंद केवल मानवीय रिश्तों से ही निकलता है तो _हम गलत हैं ;

_रब ने इसे हमारे चारों ओर रखा है… और हमें बस उस तक पहुंचना है.

प्रकृति में हर ओर आनन्द ही आनन्द फैला पड़ा है, लेकिन हमारा ध्यान केवल अपने अभावों और दूसरों की समृद्धि पर लगा रहता है.

“यदि आप अपने आनंद का पालन करते हैं, तो आप अपने आप को एक तरह के ट्रैक पर रख देते हैं, जो हर समय वहाँ रहा है, आपकी प्रतीक्षा कर रहा है, और जिस जीवन को आप जी रहे हैं, वह आप जी रहे हैं.

जब आप यह देख सकते हैं, तो आप ऐसे लोगों से मिलना शुरू करते हैं जो आपके आनंद के क्षेत्र में हैं, और वे आपके लिए द्वार खोलते हैं.

अपने आनंद का पालन करें और डरो मत, और दरवाजे खुल जाएंगे जहां आप नहीं जानते थे कि वे होने जा रहे हैं. यदि आप अपने आनंद का अनुसरण करते हैं, तो आपके लिए ऐसे द्वार खुल जाएंगे जो किसी और के लिए नहीं खुले होंगे.

“बस खुश रहना अच्छा है, यह जानना थोड़ा बेहतर है कि आप खुश हैं; लेकिन यह समझने के लिए कि आप खुश हैं और यह जानने के लिए कि क्यों और कैसे और फिर भी खुश रहें,

_ अस्तित्व और ज्ञान में खुश रहें, यह खुशी से परे है, यही आनंद है.

ज़ब व्यक्ति स्वयं क़ो अस्तित्व क़ो सौंप देता है तो..सम्पूर्ण अस्तित्व उस पर परम् आशीष बनकर बरस जाता है.. _ तब ना अपेक्षा ना उपेक्षा ना आकर्षण ना विकर्षण सिर्फ पूर्ण समर्पण.. __ मूल्यवान छोड़कर अमूल्य का आनंद ही परम् आनंद है.🌹💐🌹

_जिसे कोई भी सुख दुःख नहीं दे सकता, वही व्यक्ति आनंद में स्थापित हो जात्ता है.

*आनंद* तब आता है जब आप अपने जीवन के साथ _इतने तालमेल से फिट हो जाते हैं, कि *आप जो भी करते हैं वही आपका आनंद होता है*

अगर आप उस काम से प्यार करते हैं जो आप कर रहे हैं, अगर आप अपने जीने के तरीके से प्यार करते हैं, तो आप स्वाभाविक रूप से ध्यान की अवस्था में हैं ;

प्रकृति ने आपके जीवन को एक उत्सव के रूप में डिजाइन किया है !! लेकिन _ जब आप दुखी होते हैं, तो आप *दुख को चारों ओर फेंक कर ब्रह्मांड को प्रदूषित करते हैं..!!

आनंद का अर्थ है, – निष्प्रयोजन मुस्कान

कोई वजह नहीं है तब भी मुस्कुरा रहे हैं, _ कोई कारण नहीं रहता लेकिन फिर भी मूड अच्छा अच्छा सा रहता है.

किसी ने हमें कुछ दे नहीं दिया, फिर भी मन में बड़ा अनुग्रह है, _ ग्रेटीटयूड की भावना है,

पता नहीं किसको मन करता रहता है धन्यवाद देने का – कि तूने इतना कुछ दे दिया..

आनंद से संतुष्टि मिलती है और संतुष्टि से आनंद मिलता है,, परन्तु फ़र्क बहुत बड़ा है ; _

_ ” आनंद ” अल्प समय के लिए और ” संतुष्टि ” जीवन भर के लिए आनंद देती है.

*एक दिन बिना**आनंद के बीते,* *तो आपने जीवन का एक दिन गवाँ दिया ;

_ और एक दिन आनंद में बीता तो एक दिन आपने कमा लिया है, यह ध्यान में रखें..*

“अपने अंदर एक ऐसी जगह ढूंढो जहाँ आनंद हो, और आनंद दर्द को जला देगा”

“Find a place inside where there’s joy, and the joy will burn out the pain.”

मनुष्य होने का आनंद सृजनात्मकता में मिलता है, उपभोग में नहीं.!!

The joy of being human is found in creativity, not consumption.

मनुष्य को ज्ञात दर्द के साथ जीना ठीक है लेकिन अज्ञात आनंद से दूर भागना है.

Humans are okay to live with known pain but run away from unknown joy.

जीवन इतना कीमती है कि इसे बिना हर पल का आनंद लिए,_ फिसल जाने नहीं दिया जा सकता..
इंसान जब अपने आंतरिक गरिमा से दूर होता है, तब सस्ती ख़ुशी उस के लिए बहुत बड़ी चीज हो जाती है ;”

– आनंद और ख़ुशी में भेद कर पाने का विवेक पैदा करो — “

जिस जीवन में आप बहे जा रहे हैं, अगर वहाँ आनंद उपलब्ध नहीं होता है,_ तो जानना चाहिए _ आप गलत बहे जा रहे हैं.
” सुख दुःख साझ़ा किया जा सकता है _ आनंद साझ़ा कभी नहीं होता,

_ आनंद तो पूर्णतः व्यक्तिगत अनुभूति है, “

जो सुख की तरफ जाता है _ वह दुख पाता है,

_ जो आनंद की तरफ जाता है _ वह सुख पाता है..

यदि आप कोई काम कर रहे हैं और आपको उस काम में, आनंद नहीं आ रहा तो _आप उस काम के लायक नहीं हैं ..
ज़िन्दगी के बेहतरीन पलों का आनंद लें जिन्हें आपने अपने लिए चुना है, _

_ हममें से बहुतों में ऐसा करने की हिम्मत या इच्छाशक्ति नहीं है..

जब आप की ऊर्जा आप के ही भीतर घूमती है और आप में ही लीन हो जाती है _ तब _ आप की शक्ति भी नहीं खोती और आनंद भी उपलब्ध होता है..
“जब तक कोई वर्तमान में पूरी तरह से जीने में सक्षम नहीं होता है, तब तक भविष्य एक धोखा है ; _ ऐसे भविष्य के लिए योजना बनाने का कोई मतलब नहीं है _ जिसका आप कभी आनंद नहीं उठा पाएंगे !!”

_ जब आपकी योजनाएँ परिपक्व होंगी, तब भी आप किसी और भविष्य के लिए जी रहे होंगे !!!

सफलता वो है _ जो दुनिया देखती है ;

सुफ़लता वो है _ जिसमें आप आनंदित होते है _ भले दुनिया को दिखे या न दिखे ;

लेकिन प्रफुल्लता वो है _ जिसमें आप का आनंद अंदर और बाहर दोनो तरफ़ बहता है.

दुख को देख न पाना आनंद नही हैं,

_ बल्कि आनंद है _ जो दुःख को दुःख और ख़ुशी की तरह देख सके और उसके निदान का प्रयास करे.

” धन ” अकेला आनंद नहीं खरीद सकता, हालांकि यह मदद कर सकता है ; आनंद एक कला है..

_ और एक ऐसा कौशल _ जिसके लिए हमारे पास बहुत कम प्रतिभा या ऊर्जा है”

जब कोई कहता है कि उसका जीवन अच्छा है, तो इसका मतलब है कि वह उन बुनियादी चीजों तक पहुंच बना सकता है जो उसे आराम और आनंद देती हैं.

_ एक अच्छे जीवन को आत्म-संतोषजनक और आत्म-संतुष्ट करने वाला के रूप में वर्णित किया जा सकता है.!!

एक सुखी जीवन काफी हद तक शांत जीवन होना चाहिए,

_क्योंकि शांति के माहौल में ही सच्चा आनंद मिलता है..!!

ज़िंदगी को जंगल के उस पेड़ कि तरह बनाओ,

_ जो हर परिस्थति में आनंद से झूमता रहे !!

हम एक वक़्त में सब कुछ हासिल नहीं कर सकते,

_ तो जो पास है उसमें आनंद लेना सीख लो..!!

सबसे अधिक दिखाई देने वाला आनंद _ केवल तभी हमारे सामने प्रकट हो सकता है _ जब हम इसे अपने भीतर रूपांतरित कर लेते हैं.

“अपने आनंद का पालन करें और ब्रह्मांड आपके लिए दरवाजे खोल देगा जहां केवल दीवारें थीं”

खुशी बाहरी परिस्थितियों पर निर्भर है- लेकिन आनंद आत्मा का एक गुण है और हमारे भीतर है- इसकी अभिव्यक्ति है या नहीं, यह हम निर्धारित करते हैं.

मैं आपके सबसे आंतरिक अस्तित्व के आनंद के संपर्क में रहने की सलाह देता हूं ; _खुशी बहुत बड़ी है और मैं इसका आनंद ऐसे लेता हूं जैसे मैं ग्रेवी का आनंद लेता हूं, लेकिन मैं इस पर निर्भर नहीं हूं.

जिन चीजों की आपको आवश्यकता है ;

_उन चीज़ों के मालिक होने के लिए बहुत अधिक धन की आवश्यकता नहीं है.

_इस पर विचार करने के लिए एक क्षण लें _कि आपके जीवन में वास्तव में क्या आवश्यक है;

_यह शुरू करने लायक यात्रा है.

_ हमारे जीवन में जो मूल्यवान है _उस पर हमें नज़र रखने की ज़रूरत है ;

_और, आपकी आपत्तियों के दूसरी ओर, उद्देश्य और आनंद से भरा जीवन निहित है.

_एक बार जब आप उस चीज़ के लिए जगह बना लेते हैं _जो वास्तव में मायने रखती है,

_तो आपका जीवन आनंदमय रहेगा.!!

“आनंद अपने ही भीतर पाया जाता है.”

हम सभी इस दुनिया में इधर-उधर खुशियां ढूंढ रहे हैं, लेकिन हमें यह महसूस करना चाहिए कि खुद से और खुद के लिए खुश रहना ही खुशी की कुंजी है ; _ आप ही एकमात्र व्यक्ति हैं जो खुद को खुश कर सकते हैं, हमेशा याद रखें कि आपके लिए कोई नहीं है, हर कोई अपनी समस्याओं से निपटने के लिए संघर्ष कर रहा है, इस व्यस्त दुनिया में कोई भी स्वतंत्र नहीं है.

अगर आपको लगता है कि कोई आएगा और आपको खुश करेगा, तो इसका मतलब है कि आप खुद से झूठ बोल रहे हैं, _ क्योंकि यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप अपने लिए काम करें, किसी और की नहीं ; _ इसलिए हमेशा अपने भीतर खुशी की तलाश करें.

यदि आप मानसिक अलगाव में जीना सीख लेंगे तो आपके लिए जीवन खुशगवार हो जाएगा.

_ यह एक प्रकार की समाधि है, जो आपको भावों में रचने-बसने से नहीं रोकती..

_ लेकिन जहाँ भाव उलझने लगें, बस वहीं रुक जाना है.

_ बहुत बार सुना हुआ यह सत्य ही सत्य है कि सुख और आनंद कहीं बाहर नहीं, अपने ही भीतर है.!!

आपका उद्देश्य उन छोटी-छोटी चीजों में पाया जाता है जो आप सहजता से करते हैं _और जो आपकी आत्मा को अधिक आनंद देती हैं.
सत्य के साथ जीते हो तो फिर धन कम हो या ज्यादा _ आप उसमें आनंदित रहना सीख जाते हो..
अगर आप खुद ही आनंद के स्त्रोत बन जाते हैं, तो आपके जो भी रिश्ते होंगे, वो शानदार होंगे..!!
यदि आप नेक दिल हैं तो _ आपके आस- पास के लोग अवश्य ही आनंद का अनुभव करेंगे.
जो व्यक्ति अपने साथ बहुत आनंद अनुभव करता है, _ दूसरे उसके साथ बड़ा आनंद पाएँगे.

“एक व्यक्ति जो अभी का आनंद लेता है _उसे खुशी के लिए यादों से चिपके रहने की जरूरत नहीं है”

आनंद बहुत बहुत बहुत महंगा था और आश्चर्य !! इसे वही खरीद पाए,__ जिनके पास कुछ भी नहीं था..!!
आनंद पहली अच्छाई है. यह हर पसंद और हर नापसंद की शुरुआत है ;_ यह शरीर में दर्द और आत्मा में परेशानियों का अभाव है.!!
खुद से बोलिये : मैं खुश हूँ, मैं स्वस्थ हूँ ;_मेरा जीवन खुशियों से भरा हुआ है और मैं उसे आनंद के साथ जी रहा हूँ..!!
मानव जीवन में दु:ख, पीड़ा, वेदना और अप्रेम की आवश्यकता है; _यदि नहीं, तो लोग कभी भी ठीक से जीने का आनंद महसूस नहीं कर पाते..!!
आनंद से हमारा तात्पर्य उस अवस्था से है ;_जिसमें शरीर दर्द से और मन चिंता से मुक्त होता है.!!
वास्तविक आनंद मन की वह अवस्था है,_ _जिसमें आनंद का ख़याल भी नहीं रहता.
जो स्वयं में आनंदित होगा _ उसे किसी की भी पीड़ा बहुत जल्द दिखाई पड़ती है.
हर एक इंसान का नजरिया अलग होता है, _ पर तलाश तो आनंद ही होता है..
कुदरत ने तो…आनंद ही आनंद दिया था,  __ दुःख तो…हमारी खोज है.
आनंद कदम – कदम पर है,_ बात बस इतनी कि हम कैसे जीते हैं.
जो इंसान आनंद में है _ वह अस्तित्व के उद्देश्य को पूरा कर रहा है.
मुझे लगता है कि आनंद, पवित्रता के निकट आने पर उत्पन्न होने वाली तरंग है..!!
“जीवन से आनंद उठाओ…जितना हो सके ; _ आनंद से कभी कोई नहीं मरा..”
कितनी भी अच्छी सोच लिए घूमता हो कोई, _यदि वो आनंद में नहीं तो ग़लत है..!!
खुशी देखकर दूसरों की, आनंदित होना भी, स्वस्थ मन की पहचान है !!
कभी कभी आपको अपनो से दूर रहने का भी आनंद लेना चाहिए.
“आनंद एक नृत्य है _जिसमें कलाकार और दर्शक एक होते हैं”
सुखी रहने का सच्चा मार्ग है, _हर बात में आनंद खोज लेना..
आनंद सफ़र में ही है, मंज़िल पर पहुँच कर ठहराव आ जाता है.
सभी संवेदनाएँ सत्य हैं; आनंद हमारा स्वाभाविक लक्ष्य है.
जो आदमी आनंद में है _ वह सुख नहीं चाहता है.
तुम मेरा आनंद छीनने की हिम्मत मत करना..

_मैं दुख के साये में भी मुस्कुराता हुआ आगे बढ़ रहा हूं..!!

आनंद है स्वभाव तुम्हारा, है उत्सव तुम्हारी जात ;

अनहद में है विश्राम तुम्हारा, बस इतना रखना याद ;

यह जीवन है एक सराय, नहीं करना रुकने की बात ;

मृत्यु जीवन से अलग नहीं, ये है जीवन का भाग ;

बंधो न तुम, न बांधो किसी को, बस इतना सा तुम कर लो ;

हर पीड़ा को हर लूंगा मैं, तुम मुझको अपना कर लो.

रचनात्मकता [ Creativity ] और आनंद [ joy ] का बड़ा गहरा रिश्ता होता है

_ क्योंकि यदि आप आनंदित नहीं हैं तो आप रचनात्मक नहीं हो सकते.

_ और खुशी को हमने मार रखा है क्योंकि

_ ख़ुशी [ Joy ] और आज़ादी [ freedom ] का बड़ा गहरा अर्थ होता है.

_ रचनात्मकता तो आनंदमय होनी चाहिए और आनंदमय होना है तो स्वतंत्र रहना..!!

जीवन कोई बहुत गंभीर चीज़ नहीं है.

जीवन प्रकाशमय, आनंदमय और नृत्यमय क्षणों से भरा है.

Life is not a very serious thing.

Life is full of light, joyous and dancing moments.

समय समय पर मन मेरा मुझे यात्रा, कहीं घूम आऊं – की तैयारियों और आने वाले अद्भुत आनंद की प्रतीक्षा में उलझाए हुए रहता है _ और मैं निकल भी जाता हूँ _

_ लेकिन पूरी यात्रा के दौरान एक बात हमेशा खटकती रहती है कि जिस आनंद के लिए इतनी तकलीफें उठाई, वही आनंद घर पर भी अधिक सुगमता से पाया जा सकता था.

पहाड़ पर मन घर की सोचता है और घर पर पहाड़ की, __ आनंद न दृश्य में है और न ही दर्शक में वरन दृष्टा भाव में ही शाश्वत आनंद है.

आगे बढ़ने का मेरा निर्णय _ दुखी होकर अपने जीवन का एक मिनट भी बर्बाद नहीं करना है ;

_ आनंद लेने और सराहना करने के लिए हमेशा कुछ न कुछ होता है,

_ मैं उन चीजों पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं जो सही और अच्छी हैं _ न कि _ उन चीजों पर _ जो मुझे परेशान करने वाली या अप्रिय लगती हैं.

यही है ज़िन्दगी ?? यही तो है जिंदगी तो इसका आनंद.. कब कहां कैसे क्या होता है ! हम क्या सोचते हैं, और क्या हो जाता है.

जिंदगी में अक्सर हम कुछ लोगों को इतना करीबी मान लेते हैं _ जैसे उनके बिना जिंदगी संभव नहीं ;_ लेकिन वक्त और जीवन का फलसफा कुछ और ही है मेरे यार !

कब कहां किस मोड़ पर जिंदगी बदल जाए, हाथों से हाथ छूट जाए, लोगों का पलायन हो जाए,

जो सोच न सके कि कभी ऐसा हो जाता है.. यही है ज़िन्दगी और उसकी रीत,और जीवन के रंगमंच में कठपुतली सा दिल और उसकी संजीदगी !

बुद्धि का सही ढंग से उपयोग हमें खुशी देता है.

_ जब हम अच्छा सोचते हैं तो हमें अच्छा महसूस होता है.

_ समझ एक प्रकार से आनंदायक है.

अब सब कुछ ख़ामोशी से देखने का वक्त आ गया है..!!

_ हंसी मज़ाक, तंज़ कुछ भी नहीं किया जाना चाहिए..!!

_ समझदारी यही कहती है, कि बस चुप रहिए..!!

_ जिसको जिससे उलझना है उलझे, ये आपका मसला कतई नहीं है,

_ क्योंकि जो आपका मसला था वो भी अब आपका नहीं रहा..!!

_ अपने काम से काम रखें और आनंद में रहें..!!

ध्यान रखना मेंले में बच्चा खिलौनों के पीछे तभी तक भागता है जब एक मां से बिछड़ नही जाता ; _ मां से बिछड़ते ही सारे खिलौनों का आनंद खो जाता है..!!

ऐसा ही कुछ संसार है जब तक परमात्मा का साथ है सभी वस्तुओं के साथ भी आनंद है,

_ लेकिन जिनसे परमात्मा बिछड़ जाता है उनको फिर कोई भी खिलौना आनंद नही देता _फिर चाहे तुम कितने भी खिलौने इकट्ठे कर लो..!!

दुनिया को अच्छे और बुरे से परे देखना और जीवन जैसा चल रहा है, _उसे वैसा ही स्वीकार करना..

_दुनिया और जीवन को आनंदमय बना देता है..

जब आनंद की अनुभूति होती है तो जीवन आनंदमय हो जाता है.

इसे महसूस करने के लिए बहुत गहराई तक जाने या कुछ हासिल करने की ज़रूरत नहीं है.

समझें कि आप क्या हैं !!

यह अनुभव किसी और से प्राप्त करना आवश्यक नहीं है !

लकी होते हैं _वो लोग _जो समय के साथ तालमेल बना कर _ आनंदमय जीवन जीते हैं..!!

अकेले का जीवन जी कर भी उसका आनंद लिया जा सकता है. किसी के साथ रहकर भी आनंदित हुआ जा सकता है.

_आनंद अकेले या साथ की बात नहीं है, जैसी भी स्थिति हो, उसमें मगन रहने का संकल्प है.

जिन चीजों की आपको आवश्यकता है ; _उन चीज़ों के मालिक होने के लिए बहुत अधिक धन की आवश्यकता नहीं है.

_इस पर विचार करने के लिए एक क्षण लें _कि आपके जीवन में वास्तव में क्या आवश्यक है;

_यह शुरू करने लायक यात्रा है. हमारे जीवन में जो मूल्यवान है _उस पर हमें नज़र रखने की ज़रूरत है ;

_और, आपकी आपत्तियों के दूसरी ओर, उद्देश्य और आनंद से भरा जीवन निहित है.

_एक बार जब आप उस चीज़ के लिए जगह बना लेते हैं _जो वास्तव में मायने रखती है,

_तो आपका जीवन आनंदमय रहेगा.!!

हमें अपने आनंद के लिए अपनी रूटीन लाइफ से कुछ दिन अलग से अवश्य जीने चाहिए,

_रेल कि पटरियों के बीच में कुछ-कुछ अंतर रखा जाता है, कि गर्मियों में यह फैलेंगी तो टेढ़ी-मेढ़ी ना हो जाए.

अपने जीवन का आनंद लेने का निर्णय लेने से पहले सब कुछ सही होने का इंतज़ार न करें.

Don’t wait for everything to be perfect before you decide to enjoy your life.

वो समय जिसको आप बर्बाद करके आनंद लेते हैं वह समय बर्बाद नहीं होता.

The time you enjoy wasting is not wasted time. – Bertrand Russell


नज़रअंदाज़ – बेपरवाह, – परवाह – 2010

लोग आपको बताते हैं कि वे कौन हैं, लेकिन हम इसे नजरअंदाज कर देते हैं

_क्योंकि हम चाहते हैं कि वे वही बनें _जो हम चाहते हैं.

People tell you who they are, but we ignore it because we want them to be who we want them to be.

अंदाज़ ऐसा रखो कि कोई अंदाज़ा न लगा पाए..!!
हमारे पास एक आवाज़ है जो हमसे बात करती है,

रोजमर्रा की जिंदगी में हम अक्सर इसे भूल जाते हैं या नजरअंदाज कर देते हैं.

अपने स्वयं के व्यर्थ कार्यों में व्यस्त रहते हैं या केवल सामाजिक अनिवार्यताओं से प्रभावित हैं.

संभवतः ये वक़्त बेहद गंभीरता से सोचने का है कि जिंदगी की भागदौड़ में _

_ हमनें कितनी खुबसूरत चीज़ों को नज़रअंदाज़ कर दिया है ?????

छोटी-छोटी बातें भी हमें संकेत देती हैं, लेकिन हम लापरवाही या आलस के चलते उन्हें नज़रंदाज़ करते हैं…

_ हर चीज हमसे बात करती है, बस उसे सुनना जरुरी है !!

क्या हम बड़ी चीज़ों के लिए _ उन सभी छोटी चीज़ों को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं ?

_जिनका महत्व बड़ी चीज़ों के बराबर है ?

जिस चीज़ को आप नज़रअंदाज करते हैं, उससे सावधान रहें ; _कभी-कभी,

_ जिसे आप नज़रअंदाज कर देते हैं, _वही आपको सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है.!!

नहीं रही शिकायत अब तेरे नज़रअंदाज़ से,

_ तू बाकियों को खुश रख, हम तनहा ही अच्छे हैं

मन की शांति पाने का सबसे बढ़िया तरीका है -_

_ कुछ चीजों को नज़रअंदाज़ करना भी सीखें ..

नज़र अंदाज़ करने में फकत तुम ही नहीं माहिर.._

_ निगाहें फेर लेने का हुनर हमको भी आता हैं..

जिस नजर से नजरअंदाज करते हो,,

_ उन्हीं नजरों से ढूंढते रह जाओगे…!!

” वक्त की कमी इंसान को असंवेदनशील बना देती है “

_ वह बहुत कुछ जीवन से नज़रअंदाज कर देता है…

तनाव उन बातों को नज़रअंदाज़ करने से आता है,

_जिन्हें आपको नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए..

अपनी जिंदगी के सलीके कुछ यु मोड दो,

_जो नजर अंदाज करें… _ उसको नजर आना ही छोड़ दो..!!

जो करने लगे नजरंदाज हमे, उन्हें हम फिर नजर नहीं आते..

चाह कर भी वो फिर दिल में, जगह बना नहीं पाते.!!

लोग आपको भूल नहीं सकते, _ इसीलिए वे नज़रअंदाज़ करते हैं…!!!
अब नाराज किसी से नहीं होना है _,, बस नज़रअंदाज़ करके जीना है..
जिन्दगी आसान बनाइए…. _ कुछ अंदाज से, कुछ नज़रअंदाज़ से…
खुद के अंदाज़ में जियो, _ लोग क्या कहते हैं उसको नज़रअंदाज़ करो…
जहां आपकी बातें नज़रअंदाज की जाएं ; _ वहां ख़ामोश रहना ही बेहतर है.
कमज़ोर बदला लेते हैं, मजबूत माफ़ करते हैं और समझदार नज़रअंदाज़ करते हैं.
सब कुछ सीखना ही ज्ञान नहीं है, _ कुछ बातों को नज़रअंदाज़ करना भी ज्ञान है.
अपना एक अलग ही अंदाज होना चाहिए _ जो ना समझे _ वो नज़रअंदाज़ होना चाहिए.
यदि मैं तुम्हें नज़रअंदाज़ करता हूँ… मतलब समझ जाना ; _ मेरी नज़रों में गिर चुके हो तुम…!!
कुछ यूँ …हम भी अपना प्यार बयां कर रहे हैं _ आजकल हम भी उन्हें नज़रअंदाज़ कर रहे हैं..
जो बातें नज़रअंदाज़ करने लायक हैं, _ आपको_ उन बातों को_ नज़रअंदाज़ ही करना चाहिए.
ऊब गया हूँ लोगों के झूठे दिखावे से, _ अब कोई अपना दिखता भी है तो नज़रअंदाज़ कर देता हूँ…!!!
मैं तुम्हारे पूरे अस्तित्व [ existance ] को नजरअंदाज कर सकता हूं,

_इसलिए मेरे धैर्य [ patience ] की परीक्षा लेने की कोशिश मत करो.

“जिंदगी में किन चीजों को नज़रअंदाज़ करना है, _ इसे जान लेने की कला बहुत बड़ी बुद्धिमानी है….”
अगर आप नज़रअंदाज़ करने में माहिर नही, _ तो आप बहुत कुछ खोएँगे – सबसे पहले अपना सुकून !!
जिंदगी जीना आसान नहीं होता, आसान बनाना पड़ता है.

_ कुछ सब्र कर के, कुछ बर्दाश्त कर के और बहुत कुछ नजरअंदाज कर के..!!

गैरों को खुश करने में अपना बड़ा कीमती समय बरबाद किया मैंने,

_ पता तब चला जब उन्होंने नज़रअंदाज़ किया मुझे..

“- आऊंगा नए अंदाज़ के साथ, फिलहाल लड़ाई खुद से है, खुद को बदले की..!!”

कुछ कमियां मुझमें थी, कुछ कमियां लोगों में थी, _ फर्क सिर्फ इतना सा था कि वो गिनते रहे और ” हम नज़रअंदाज़ करते रहे ”
संघर्ष के प्रत्येक मोड़ पर आप को कुछ ऐसे व्यक्ति ज़रूर मिलेंगे, जो अपनी निम्नस्तर बातों से आप को प्रेरणाहीन एवं लछ्य से भटकाने की कोशिश करेंगे..

_ आप को उन्हें नज़रअंदाज़ करना है और बिना अधिक सोचे आगे बढ़ते रहना है ..!!!

” लोग उस बात को नज़रअंदाज़ नहीं करते हैं जिसे उन्हें नज़रअंदाज़ करना चाहिए,

_ लेकिन जिस चीज़ को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए उसे नज़रअंदाज़ कर देते हैं,

यह अज्ञानता के रूप में जाना जाता है “

लोग कहते हैं कि कार्य शब्दों से ज़्यादा ज़ोर से बोलते हैं, लेकिन कभी-कभी ये शब्द ही होते हैं _ जो सबसे ज़्यादा दुख पहुंचाते हैं.

_ कार्यों को नजरअंदाज करना आसान है _ लेकिन शब्द आपके दिल पर चोट करते हैं _ जहां दर्द होता है..

अपने अगले कदम को सीक्रेट रखिए ; यहां अच्छा चाहने वाले हों ना हों ; पर बुरा चाहने वाले बहुत से लोग हैं.

इस बात को बाहर मत आने दीजिये कि आपने क्या करने के लिए सोचा है, इसे रहस्य ही बनाये रखना अच्छा है और इस काम को करने के लिए दृढ रहिये जब तक कार्य सफल नहीं हो जाता.

— ” कभी भी अपने सीक्रेट्स किसी को नहीं बताना चाहिए _ इससे आपके ऊपर मानसिक दबाव बढ़ जाता है.”—

किसी को भी, ख़ुद को पूरी तरह जानने मत दीजिए, _ जानते ही वह आपसे कटने लगेगा और अलग हो जाएगा ; पूरी तरह जान लेना, रूचि का ख़त्म हो जाना है, यानी आकर्षण का लुप्त हो जाना है, और यह दुनिया आकर्षण पर ही चलती है.

_ _यदि आप किसी को पूरी तरह जान गए हों, तो उसे यह पता लगने मत दीजिये : पता लगते ही वह आपसे कतराने लगेगा और अलग हो जाएगा, _ _ कोई इंसान अन्दर से यह नहीं चाहता कि उसे पूरी तरह जान लिया जाए..

यदि आप अपने प्लान दूसरों को बताते हैं तो इससे उसके पूरे होने की संभावना कम हो जाती है,

इसलिए काम पूरा होने से पहले किसी को ना बताएं. – ” वही काम शीघ्रता से सफल होता है, _ जिसकी भनक तक किसी को ना लगे “

इस बात को व्यक्त मत होने दीजिए कि आप ने क्या करने के लिए सोचा है, _

_ बुद्धिमानी से इसे रहस्य बनाए रखिए और उस काम को करने के लिए दृढ़ रहिए.

आप को लोगो के साथ खुली किताब बिलकुल नहीं रहना चाहिए,

_ आप का रहस्यमयी होना आप को लोगों से बचाता है ..

असली सुख रहस्यमयी बन कर रहने में है…

सबके सामने _अपनी कमजोरियों को गिनाना बेहद घातक हो सकता है…!!!

जब से मैंने लोगों को यह बताना बंद कर दिया कि मेरी ज़िंदगी में चल क्या रहा है… _

_ तब से काफ़ी सुकून में रहने लगा हूं…!!!

दूसरों के पास आपके दैनिक जीवन की अत्यधिक जानकारी होना…..कोई अच्छा संकेत नहीं है.

  • ” आप बर्बाद तब नहीं होते जब आप के दुश्मन हजार होते हैं, _

_ आप बर्बाद तब होते हैं जब आप अपने सारे राज दूसरों को बताना शुरू कर देते हैं..”

अपनी स्वयं की नीतियों और विशिष्ट ज्ञान को गुप्त रखो ; समय आने पर कोई भी आप का शत्रु बन सकता है _

_ उन नीतियों को ऐसा रखो कि किसी भी छेत्र में शत्रु को मात दे सको ..

जीवन में आप स्थिरता चाहते हैं तो _ लोग जितना जानना चाहते हैं, _

_ उन्हें उस से ज्यादा कहना बंद कर दें !! ” मौन सर्वोत्तम है “

लोगों को सिर्फ़ उतना ही बताएं, जितना उनके लिए ज़रूरी है, उससे ज़्यादा नहीं.
” हर शख्स ” नहीं होता हर बात के काबिल, हर शख्स को हर बात बताया ना करो.
हम उन्हें रुलाते हैं, जो हमारी परवाह करते हैं. हम उनके लिए आँसू बहाते हैं जो कभी हमारी परवाह नहीं करते,,,

,, और हम उनकी परवाह करते हैं जो कभी हमारे लिए नहीं रोयेंगे — यही जीवन का सच है, अजीब है पर सच है.

_ जब भी आपको यह अहसास हो — आप बदल जायँ, क्योंकि बदलने के लिए कभी देरी नहीं होती.

किसी के जीवन में बदलाव लाने के लिए, आपको प्रतिभाशाली, अमीर, सुंदर या परिपूर्ण होना ज़रूरी नहीं है. _ आपको बस परवाह करनी है.

To make a difference in someone’s life, you do not have to be brilliant, rich, beautiful, or perfect. You just have to care.

हम बहुत देर बाद सीखते हैं कि _ हमें दुनिया की नहीं परन्तु खुद की परवाह करनी चाहिए…!!!

“- खुद को ख़ुश रखना ” सीखने में ही हम सब बहुत देर कर देते हैं…!!!- “

यदि आप परवाह करते हैं कि लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं, तो आप हमेशा उनकी सोच के ग़ुलाम*बने रहेंगे.

“अपने” आप पर भरोसा रखें.

अपनी परेशानियों का रोना किसी से ना रोयें, क्योंकि, _ 20% लोगों को आपकी परवाह नहीं होगी _

_ और बाकी 80% इस बात से खुश होंगे कि आप परेशानी में हैं.

जो इंसान आपके रोने पे भी आपकी परवाह नहीं करता …_

_ वो आप की खुशियों की हिफाज़त कभी नहीं कर सकता…

अच्छा है जो बेपरवाह हो, ” ख़ुश तो रहते हो “

_ सबकी परवाह करने वालों को ” अक्सर तन्हाई में रोते देखा है “

-” बेपरवाही ही भली है, परवाह करो तो ठग लेते हैं लोग.”

बड़ा सकून है इस लापरवाही में, _

_ वरना बहुत कुछ गवां दिया सबकी परवाह करते करते !!

बेपरवाह रहना ही भला है साहब, _ परवाह करो तो लोग, सस्ता समझ लेते हैं..

_कभी भी किसी व्यक्ति को उस स्थिति में न धकेलें _जहां उसे कोई परवाह न रह जाए..

खुश हूँ और सबको खुश रखता हूँ, _

_ लापरवाह हूँ फिर भी सबकी परवाह करता हूँ.

ज़माना कुछ भी कहे, उसकी परवाह ना कर ;

जिसे ज़मीर ना माने, उसे सलाम ना कर.

परवाह मत करो कि लोग क्या कहते हैं, _

_ आपके घर के ख़र्चे लोग नहीं ” आप खुद उठाते हो “

एक परवाह ही बताती है कि ख़्याल कितना है..!! _

_ वरना कोई तराजू नहीं होता रिश्तो में…!!!

ढूंढना ही है तो परवाह करने वालों को ढूंढ़िये, _

_ इस्तेमाल करने वाले तो ख़ुद ही आपको ढूंढ लेंगे.

कितने मासूम होते हैं, ये आँसू भी…_

_ ये गिरते भी उनके लिये हैं, जिन्हें परवाह नहीं..

वजह की तलाश में…वक्त ना गंवाया करो…_

_ वेवजह…बेपरवाह…बेझिझक…बस मुस्कुराया करो…

काश… ऐसी कोई लापरवाही हो जाये मुझसे, _

_ कि अपने गम की गठरी कही भूल आऊँ मैं..!!

तू किनारे पर रेत के टीले बनाता है.. _

_ हमें किनारों की परवाह नहीं.._ हमें तो उस पार जाना है..

परवाह नही,,,,,,,चाहे ज़माना कितना भी खिलाफ हो._

_ चलूँगा उसी राह पर जो सीधी और साफ हो,,,

परवाह ना कर तमाशे होते रहेंगे ताउम्र,

_ तू ये ख़्याल रख कि किरदार बेदाग़ रहे !!

जब से लोगों की परवाह करना छोड़ा है, _ ज़िन्दगी काफी खूबसूरत हो गयी है..
परवाह से ज्यादा बेपरवाह में ठीक हुँ,,_ नाम कमाने से ज्यादा गुमनामी में ठीक हुँ,,
गलत लोगों की परवाह करना छोड़ दो, _ जिंदगी बहुत आसान हो जाएगी…
परवाह बस उनकी करो _ जिन्हें आपकी परवाह हो …बाकी सब शून्य कर दो.!!
सबसे दुखद बात यह है कि किसी की बहुत ज्यादा परवाह करने के चक्कर में _ खुद को खो देना और यह भूल जाना कि _ आप भी खास हैं..!
मैं थक गया था परवाह करते करते, जब से बेपरवाह हूँ आराम सा है..
मुझे परवाह नहीं अपने कल की,

_ मैं अपना हर दिन आखिरी समझ के जीता हूँ.!!

जिस चीज़ की आप को परवाह है, _ उसकी चिंता करना ज़रूरी है.
कोई आपके बारे में क्या सोचता है, इसकी परवाह ज्यादा ना करें.
नतीजों की परवाह नहीं, _ प्रयासों का अपना अलग मजा है.
वैभव – विलास की चाह नहीं _ अब कोई परवाह नहीं .!!
किसी को अपने साथ बुरा व्यवहार करने की अनुमति केवल इसलिए न दें, क्योंकि आप उनसे प्यार करते हैं या उनकी परवाह करते हैं.

_ सबसे ज़हरीली चीज़ों में से एक जो आप स्वयं के साथ करेंगे, _वह है किसी की बुराइयों को नज़रअंदाज करना,

_क्योंकि आप उन्हें अपने जीवन में बनाए रखना चाहते थे ; _ लेकिन ऐसा मत करो, _इस तरह की मानसिकता कभी लागू मत करो.

कई बार आपकी मुलाकात ऐसे लोगों से होगी _जो या तो आपसे प्यार करेंगे या आपको ठेस पहुंचाएंगे.

_और यदि कोई आपके साथ कभी भी सही व्यवहार नहीं करता है, तो आपको अलग हट जाना होगा.

” जिनकी समझ विकसित [ developed ] होती है _ उन्हें छोटी-छोटी बातें पसंद नहीं होती हैं.”

_वे अक्सर खुद को रचनात्मक [ creative ] या सहज ज्ञान [ common sense ] युक्त रखते हैं.

_ वे ज्वलंत [ flagrant ] सपने देखते हैं, और अक्सर अगले दिन अपने सपनों को याद कर सकते हैं.

_उन्हें संगीत, प्रकृति, कला, सौंदर्य पसंद है.

_वे असाधारण रूप से मजबूत भावनाओं को महसूस करते हैं – कभी-कभी खुशी के तीव्र झटके, लेकिन दुःख, उदासी और भय भी.

— ऐसे लोग _ उन सूक्ष्मताओं [ subtleties ] को नोटिस करते हैं _जो दूसरे नज़रअंदाज़ कर देते हैं

_ जैसे किसी अन्य व्यक्ति की मनोदशा में बदलाव, या किसी लाइटबल्ब का बहुत अधिक तीव्रता से जलना.

लोग क्या कहेंगे – 2013

जिंदगी जीने के लिए कुछ बातें हमेशा याद रखिए…

1 :- आप कभी इस बात की ना चिंता करिए ना ही ध्यान दीजिए कि आप के पीठ पीछे लोग आपके बारे में क्या बात करते हैं, पीठ पीछे आपके बारे में बात करने का मतलब यह है कि आप बहुत तरक्की कर रहे हैं और यह लोग आपसे जलते हैं और इनकी इतनी हिम्मत नहीं है कि आपके सामने बात कर सकें, इसलिए ये आपके पीछे – पीछे बात कर रहे हैं.

2 :- अपने मन में से ” लोग क्या कहेंगे ” यह ख्याल निकाल दीजिए, इस भागमभाग की दुनिया में किसी के पास इतनी फुर्सत नहीं है और यदि कोई कुछ कहता है तो कहने दीजिए. आप हमेशा अपनी परिस्थिति, अपनी आर्थिक स्थिति इत्यादि के अनुसार चलिए और अपनी परिस्थितियों के अनुसार ही निर्णय लीजिए. ” लोग क्या कहेंगे ” – यह दो वाक्य हमें बर्बाद कर देता है.

3 :-  जब आप संघर्ष करते हैं, कई ऐसे मौके आएंगे कि आप हारता हुआ महसूस करेंगे, लेकिन याद रखिए, संघर्ष के समय छोटी मोटी या बड़ी असफलताओं से कभी निराश मत होइए आप लगे रहिए, आपको सफलता जरूर मिलेगी.

यह दुनिया काफी सुन्दर हो सकती है, यदि लोग एक दूसरे के कामों में बाधा न दें. हर व्यक्ति अपने जीवन का मालिक है और उसे अपने जीवन को अपने ढंग से जीना चाहिए. अपने भीतर के बोध से जो उसे ठीक लगे वही करना चाहिए. लेकिन व्यक्ति यह सोच कर करता है कि ” लोग क्या कहेंगे “.

व्यक्ति को चाहिए कि न तो वह दूसरों को अपने काम में बाधा देने दे और न दूसरों के काम में बाधा दे. अगर जीवन में कुछ पाना हो, कोई उपलब्धि हासिल करनी हो तो अपनी धुन में रमे रहना चाहिए और लोगों की फ़िक्र न करना बहुत जरुरी है.

“जो व्यक्ति आपको महत्व देता है वह कभी भी आपको खोने की स्थिति में नहीं आएगा.”

लोग क्या कहेंगे!!

यह वाक्य केवल मध्यवर्गीय श्रेणी के लोगों के लिए बना है, क्योंकि सिर्फ इन्हीं लोगों को फर्क पड़ता है, लोगों के कुछ कहने से__ और यही वो लोग हैं, जो हमेशा कुछ न कुछ कहते रहते हैं, _ क्योंकि इनसे नीचे की श्रेणी के लोग इतने आर्थिक मंदहाली में हैं कि उनके पास समय ही नहीं है कि _ वो अपनी ज़रुरतें पूरा करने के अतिरिक्त कुछ और सोच सके,__और इनसे ऊपर की श्रेणी के लोग अपनी खवाइशें पूरा करने में इतने व्यस्त हैं कि _ कौन क्या कर रहा है और क्यों कर रहा है ये सब जानने का उनके पास समय ही नहीं है.

आर्थिक तौर पर आप भले ही मध्यवर्गीय श्रेणी में आते हों मगर अपनी सोच का दायरा जरूर इससे ऊपर उठाएं, तो जो “लोग क्या कहेंगे ” आपके लिए बेमायने हो जाए.

‘लोग क्या कहेंगे’, यह हम लोगों की शाश्वत समस्या है. _हम संसार में हैं तो अनेक अनुकूल-प्रतिकूल परिस्थितियों से हमारा सामना होता है._

परिवार एक चारदीवारी की तरह होता है, जहां सब कुछ होता है लेकिन गोपनीय. _घर में धन हो या गरीबी, गोपनीय. _ आपसी प्रेम हो या अशांति, गोपनीय. _ स्वस्थ हों या बीमार हों, गोपनीय. _ज़िंदगी के मज़े ले रहे हों या भुगत रहे हों, गोपनीय._

यहाँ तक कि पति पत्नी के बीच भी बहुत-कुछ गोपनीय रहता है. _घर की बात घर के बाहर न जाए, इसके पर्याप्त प्रयास किए जाते हैं _लेकिन जब बात बढ़ जाती है तो _वह घर की सीमा रेखा को लांघ कर स्वयमेव बाहर आ जाती है.

हमारी ज़िंदगी में हमारे होने का महत्व कम है, दूसरे की राय का महत्व अधिक है. _मैं अच्छा हूँ लेकिन यदि मेरे बारे लोगों की राय अच्छी नहीं है तो यह मेरे लिए चिंता का विषय है.

_मैं भला व्यक्ति नहीं हूँ, दुष्ट हूँ, अत्याचारी हूँ लेकिन यदि मेरे बारे लोगों की राय अच्छी है तो मैं खुश हूँ, चिंता की कोई बात नहीं.

आप भी ऐसे अनेक लोगों को जानते हैं जिन्होने अन्यायपूर्वक जीवनयापन किया है, वे सामाजिक मंचों पर बहुत सक्रिय रहते हैं _ताकि लोगों के बीच उनकी छबि अच्छी बनी रहे.

मानव स्वभाव की विचित्रता यह है कि स्वयं को अच्छा बनाने की बजाय लोगों की नज़र में अच्छा बनने का प्रयास करता है ; इसी मनोविज्ञान की उपज है, — ‘लोग क्या कहेंगे ?’

दुनिया का सबसे बड़ा रोग ” क्या कहेंगे लोग ” बात सच्ची भी है, गहरी भी है.

_ हालांकि ध्यान से देखें तो लोग हमारा ना कोई खर्चा उठाते हैं, ना हमारा इलेक्ट्रिसिटी बिल [ Electricity Bill ], वाटर बिल [ Water Bill ] , ना हमारा टैक्स पे [ Tax Pay } करते हैं ;

_ लेकिन फिर भी हम उनसे ये इम्पोर्टेंस [ Importance ] रखकर चलते हैं कि _ वो हमारे बारे में अच्छा सोचें, अच्छा कहें, _ यहां तक कि वो फ्री में ब्लेसिंग [ Blessing } भी नहीं देते ..!!

_ वो तो हमसे ये उम्मीद नहीं रखते _ लेकिन हम उनसे ये उम्मीद रख कर चलते हैं, _ फिर बीमार हम हैं _ ये रोग हमारा है..!!

” दुनिया का सबसे बड़ा रोग क्‍या कहेंगे लोग ”  – जिन्दगी में आप जो करना चाहते है, वो जरूर कीजिये, ये मत सोचिये कि” लोग क्या कहेंगे “ क्योंकि लोग तो तब भी कुछ कहते हैं, जब आप कुछ नहीं करते.

असली सवाल यह है की भीतर आप क्‍या हो ? अगर भीतर गलत हो, तो आप जो भी करोगे, वह गलत ही होगा, अगर आप भीतर सही हो, तो आप जो भी करोगे, वह सही साबित होगा.

” लोग क्या कहेंगे ” क्यों जीते हैं लोग इस बोझ तले, _ हमें रोका जाता है टोका जाता है, – चाहे वो काम सही क्यों ना हो,_डर बैठा दिया जाता है मन में,_ कि ” लोग क्या कहेंगे “

“- आपको इसकी परवाह क्यों करनी चाहिए कि लोग क्या कहेंगे ? आपको बस अपने आप को खुश करना है.”

“-लोग कुछ भी कहते रहें, आप अपना काम जारी रखिए..

_ क्योंकि काम की उम्र _ गालियों से बहुत लंबी होती है.!!”

आप जो भी अच्छा काम कर रहें हैं वह करते रहिए, _ लोगों को क्या है,

_ लोग अपनी लकीर बढ़ाने के बजाए दूसरों की लकीर को छोटा करने में यकीन करते हैं,

_ बदलियों के आ जाने से सूर्य की महत्ता कम नहीं होती,

_ अगर हमनें स्वयं की अंतरात्मा को धोखा नहीं दिया तो ..हम किसी के गुनहगार नहीं हैं..!!

.बहुत बार इसी डर से हम कुछ नही कर पाते…और इसी सोच में रह जाते है क़ि….लोग क्या कहेंगे!!!!

#लोगों_का_काम_है_कहना….और लोग बस कहते है…..तब भी जब आप कुछ नही करोंगे….

और तब भी जब आप कुछ करोंगे!!!#लोगों_को_बदलते_देर_नहीं_लगती…डर को छोड़ दो…लोग क्या कहेंगे….!!

हम अपनी लाइफ में बहुत से अच्छे काम सिर्फ यह सोच कर नहीं कर पाते हैं कि ” लोग क्या कहेंगे “.

जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए, कोई अच्छा काम शुरू करने के समय कभी यह नहीं सोचना चाहिए कि लोग ” क्या कहेंगे “. लोग आप की तारीफ़ भी कर सकते हैं.

लोगों की बातों को दिल से लगाना छोड़ दीजिए, बस जिंदगी के मज़े लीजिए ; क्योंकि चलती का नाम गाड़ी है, और रूकती का नाम अनाड़ी है ;

इसलिए हमेशा चलते रहें और अपनी ज़िंदगी को हर रोज अपने अंदाज़ से जीते रहें..

लोगों की बातों को अगर अपने ऊपर बोझ बना कर डालोगे तो उनके नीचे दब जाओगे,

__ बेहतर यही है कि उनकी बातों पर पांव रख कर ऊपर चढ़ने की कोशिश करो, यकीनन एक दिन ऊंचाई पर पहुंच ही जाओगे..

लोग क्या कहेंगे – पहले दिन हंसेगे, दूसरे दिन मजाक उड़ाएंगे और तीसरे दिन भूल जायेंगे,

इसलिए लोगों की परवाह मत करो, करो वो जो उचित हो, जो आप चाहते हो, जिसमें आप खुश हो,

क्योंकि जिंदगी आपकी है, लोगों की नहीं..

4 लोग, 40 बातें और 400 अफ़वाहें…

_ सब पे ध्यान दोगे तो उम्र ही बीत जाएगी..!!

“लोग क्या कहेंगे” मुझे सुनना ही नहीं है.
चार लोग चार दिन ही बस कहते,

_आप उसे सोच कर ज़िन्दगी भर सहते..!!

लोग कहते हैं ज़िन्दगी मिली है अपने हिसाब से जीने के लिए, लेकिन वही लोग _

_ सुबह होते ही किसी और के हिसाब से जीने चले जाते हैं..!

लोग कहते हैं बेवजह ही खुश रहा करो,

_ अब उनको कैसे समझाऊँ की ये सब मेरे बस में नही…!

बहुत मुश्किल होता है,,,खुद को संभाले रखना..!!

_ मगर लोग कहते हैं,,,अपना ख्याल रखना..!!

हम हैं के समझे नहीं खुद को आज तक _ और ” लोग ” जाने क्या क्या समझने लगे हमें !

हम से ज़्यादा समझदार ” लोग ” हैं जहां में _ जो हमें हमसे ज़्यादा समझते हैं !!

इंसान सारी जिंदगी सोचता है, ” चार लोग क्या कहेंगे “, _ अरे वो यही कहेंगे

कि कितना मूर्ख था, जो इसने सारी जिंदगी _ हमारे बारे में सोच कर निकाल दी,,,??

ये क्या सोचेंगे ? वो क्या सोचेंगे ? दुनिया क्या सोचेगी ?

इससे ऊपर उठकर कुछ सोच _ _ जिन्दगी सुकून का दूसरा नाम हो जायेगी.

किस बात की ना जाने हम क्यूँ इतनी फ़िक्र किया करते हैं,_

_ लोग क्या कहेंगे ये सोच कर हम बेवज़ह की परवाह किया करते हैं ..

देखेंगे तो क्या कहेंगे चार लोग _ चार लोगों ने निभाया नहीं, चार दिन भी साथ _ उन चार लोगों का जिक्र रहा जिंदगी में … जिंदगी भर..

— 4 लोग , 40 बातेँ, 400 अफवायें किस- किस पे ध्यान दोगे आप !!

– लोग क्या कहेंगे……अब नहीं सुनना है – _ लोग क्या कहेंगे _ लोग कुछ नहीं कहते..

लोगों के बहाने __ कुछ भी कहने वाले _ अपने ही होते हैं..

जब लोग आप को गलत बोल कर तोड़ना चाहे, तब खुद से एक बात बोलना कि _

_ मैं गलत नहीं ; _ बल्कि भीड़ से अलग हूँ ..!!

लोगों का मुहं बंद करवाने से अच्छा है, अपने कान बंद कर लो ;

” जिंदगी बेहतर बन जाएगी “

लोगों को अब समझने में नहीं होती दिक्कत,

_ मैंने दो चेहरे वाले लोगों को पहचानना सीख लिया.!!

यदि आप ये सोचते रहे कि लोग क्या कहेंगे तो, _

_ आप अपने जीवन की पहली परीक्षा में ही हार गये हैं ..

यदि चार लोग कुछ कहते हैं तो परेशान मत होना,

_”अपने काम में लगे रहना”, यही लोग एक दिन आप के लिए तालियाँ बजाएंगे..!!

लोगों की बातें पत्थरों की तरह होती है, अपने ऊपर लाद लोगे तो दब कर रह जाओगे ;

_ क़दमों के नीचे रख लोगे तो बुलंदी पर पहुँच जाओगे !!

आपको पीछे से टोकने वाली आवाजें आपके भले के लिए नहीं होती, _ बल्कि उनका मक़सद आपकी रफ़्तार को रोकना होता है..
” आपको परवाह क्यों करनी चाहिए कि लोग क्या कहेंगे ? _ आपको बस इतना करना है कि कृपया खुद को खुश करें.”

“लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं, _इससे आपको कोई लेना-देना नहीं है.!!”

इतना तो उजाला रखो कि, अपनी परछाई दिखाई दे _ ” बस उतना सुनना लोगों की “, कि अपनी आवाज़ सुनाई दे !!
“इस दुनिया में सबसे दुखी लोग वे हैं _ जो इस बात की सबसे ज्यादा परवाह करते हैं कि ” दूसरे लोग क्या सोचते हैं “
” ना जाने कौन हैं ये लोग “.._ जिन के डर से ना जाने कितने फैसले बदल दिए….ना जाने कितने सपने कुचल दिए !
” लोग क्या कहेंगे “, यदि आप इस बात से परेशान हैं. _ तो आप उनके ग़ुलाम बन के रह जायेंगे व पिछड़ जायेंगे.

“दूसरे लोग क्या सोचते हैं, अगर इसकी परवाह करेंगे तो आप हमेशा उनके बंदी रहेंगे.”

आडंबरों के जाल में, अस्तित्व फंस सा गया है _ मन की आवाज़ से ज्यादा ” लोग क्या कहेंगे ” सुनाई देता है !!
जो मन करे बिंदास किया करो _ ” लोग क्या कहेंगे ” यार ये बकवास ना किया करो..
” लोग क्या कहेंगे ” ? ये सोच _ आप की अपनी सोच को ख़त्म कर देती है..

जीतने की जिद है तो लोगों की नहीं _ दिल की सुनो ..

आप किसी का बोलना बंद नहीं कर सकते,

_लेकिन किसकी सुनना है ..ये तय कर सकते हैं..!!

आपको खुशी तभी मिलेगी जब ” लोग क्या कहेंगे ” यह कहना छोड़ देंगे !
लोग कहते हैं और कहते रहते हैं _ आप कितना सुनते हैं, ये आप पर है..
लोगों की छुपी हुई खूबियाँ वहां सिर्फ दब के रह जाती हैं, _ जब वो ये सोचने लगते हैं की लोग क्या कहेंगे !!!
“लोग क्या कहेंगे” के बारे में ज्यादा मत सोचना, _ क्योंकि आप कुछ भी कर लो, वो सोचेंगे ही.
लोग हमारे बारे में क्या सोचते हैं _ अगर ये भी हम ही सोचेंगे _ तो फिर ” लोग क्या सोचेंगे ” !!!
आप वह बनिये जो आप बनना चाहते हैं ,

_वह नहीं जो चार लोग चाहते हैं..!!

‘लोग क्या कहेंगे’ से घबराना नहीं चाहिए,

_ क्योंकि खेल में शोर दर्शक ही मचाते हैं खिलाड़ी नहीं !!

लोगों की सलाह से खुद को मुक्त करें, क्योंकि उनमें से अधिकांश को तो पता ही नहीं होता कि ” वे खुद क्या कर रहे हैँ “
यदि जिंदगी में शांति चाहते हो तो ” लोग क्या कहेंगे ” की बातों को दिल पर लेना छोड़ दो.
“किसी व्यक्ति का पूरा जीवन उसके दृष्टिकोण [Attitude] पर निर्भर करता है” – लोग क्या कहेंगे उस पर नहीं ..!!
हम सोचते रहते हैं कि ” लोग क्या कहेंगे “, _ और लोग कहने के बावजूद भी नहीं सोचते…
लोग क्या कहेंगे और उनकी राय का _आपके निर्णयों पर कभी प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए,

यह आपकी ज़िन्दगी है, उनकी नहीं.. आप को जिससे ख़ुशी मिलती हो, वही करो..

बोलने का शौक़रखते हों तो,,

_ सुनने की भी आदत होनी चाहिए !!

मेरा सोशल सर्कल नहीं है.

_कुछ लोग मुझे अहंकारी समझते हैं, _मैं इसकी परवाह नहीं करता..

_नौ लोग होंगे तो नब्बे कहानियां बनेंगी.

_सभी के अपने निर्णय और दृष्टिकोण होंगे.

_किसी को प्यारा लगूंगा, कोई कहेगा अहंकारी है.

_मुझे इस पचड़े में रहना ही नहीं है.

_अगर मुझे चुप रहना अच्छा लग रहा है तो मैं चुप रहूंगा.

_”कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना”

_ना दुखी था वो अपने हालातों से इतना,_ जितना ये सोच कर था की लोग क्या कहेंगे.

_ लोगों को उनके कार्यों से समझें _और आप कभी भी उनकी बातों से मूर्ख नहीं बनेंगे.

_ तोड़ देती है हिम्मत _ विश्वास तोड़ देती है _ खुद पर से कि ” लोग क्या कहेंगे “

_ लोग क्या कहेंगे और दूसरे लोगों की समस्याओं के बारे में ज़्यादा चिंतित न हों “

_ लोग क्या कहेंगे यह मत सोचो, आपके सपने कैसे पूरे होंगे ” यह सोचो “

_ कई सफलताएं रुक जाती हैं _ ये सोच के कि ” लोग क्या कहेंगे “

_ ” लोग क्या कहेंगे “_अगर मैं ये सोंचूंगा _ तो वो क्या सोचेंगे.!!

_ लोगों की राय से ज्यादा _ अपनी शांति को महत्व दें !!”

_ तुम ऐसा करते हो ! वैसा करते हो ! ” लोग क्या कहेंगे “

_ ” लोग तो कहेंगे ही – लोगों का काम है कहना “

” सुन्दर जीवन कैसे जीना चाहिए ? “- सुन्दर, सुंदर, सुंदरता, सुन्दरता – 2023

हमारी मानसिक वृत्ति ही हमारी दुनिया बनाती है, _ हमारे विचार ही चीजों को सुन्दर बनाते हैं तो _ हमारे विचार ही उन्हें बदसूरत भी बनाते हैं.

— ” अच्छे विचार भीतरी सुन्दरता है.”

हर छोटी चीज़ जीवन को संपूर्ण बनाती है_और आपको एहसास दिलाती है कि _आप एक सुंदर जीवन जी रहे हैं.!!
“जीवन को धीरे और सुन्दर तरीके से लो, जीवन कोई दौड़ नहीं है. ”

“चिंता मत करो, जीवन एक दौड़ नहीं है..!!”

युवावस्था बहुत सुन्दर है, संदेह नहीं ; _ पर जहां जीवन की गहनता की जांच होती है,

_ वहाँ यौवन का कोई मूल्य नहीं रह जाता.

जो शख्स चमड़ी और दमड़ी के दायरे में सुन्दरता को आंकते हैं, _ उनकी सोच सकारात्मक नहीं होती.
अगर आपकी आँखे सुन्दर हैं, तो आप दुनिया से प्यार करोगे ; _ पर अगर आपकी जबान मीठी है, तो दुनिया आपको प्यार करेगी.

_ अगर दोनों चीजें अच्छी हैं तो फिर आप तूफान मचा देंगे.

सुंदरता किसी के चेहरे पर नहीं होती है,

_ सुंदरता को देखने का हमारा अपना नज़रिया होता है..

सुन्दर मुखड़े के मुकाबले बरताव के भले तौरतरीके कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं. सुन्दर मुखड़ा लोगों को सिर्फ अपनी ओर खींचता है,

_ जबकि भले तौरतरीके हमेशा के लिए उन्हें अपने बन्धन में बाँध लेते हैं.

*”सुन्दर चेहरा थोड़े समय ही याद रहता है,_**

_*पर हमारा सुन्दर व्यवहार जीवन भर याद रहता है.!!

सुन्दर वह है जो सुन्दर काम करता है, समझदार है ;

_ तथा किसी को बे- वजह नुक़सान नहीं पहुँचाता है.

जीवन के हर पल को बेहतर बनाने का प्रयास , हमारा कर्त्तव्य है.

_ जीवन को जीने के ढंग से और भी सुन्दर बनाएँ.

अगर आप अपने मन के जाल में ही खोए रहेंगे तो _

_ इस जीवन की सुन्दरता से चूक जाएंगे.

हर समय मन को रचनात्मक एवं कल्याणकारी कार्यों में व्यस्त रखने से मन की व्यर्थ की भाग- दौड़ शान्त हो जाती है _ और मन सुन्दर सृजन में सलंग्न रहता है.
आप अपने व्यवहार , आचरण. रचनात्मकता, सामाजिक चेतना, योग्यता, व्यक्तित्व व विशिष्टता से पहचान बनाएँ. _ यह स्थायी और सुन्दर भी है.
एक पत्थर को तराशने से सुन्दर मूर्ति बन सकती है तो _ कर्मों के सहारे जिन्दगी को तराशने से बहुत सुन्दर स्वरुप बन सकता है..!!
अपने अन्तर्मन को साफ़ करें तो बाहर भी हर एक चीज़ साफ़ दिखाई देगी.

_ अन्तर्मन को संवारने से बाहर भी सब कुछ सुन्दर हो जाएगा.

किसी अच्छे इंसान के साथ हद से ज्यादा बुरा सुलूक मत कीजिये ;

_ क्योंकि सुन्दर काँच जब टूटता है, तो धारदार हथियार बन जाता है.

जब निराशा जीवन को घेर ले, _ तब निराशा के समंदर में आशा का पुल बनायें,

_ जीवन सुन्दर बन जायेगा..

इस जीवन में जीने से अधिक मरने के छण आयेंगे और हमें उनमें भी सुन्दर तरीके से जीना है !!
सफलता भी फीकी लगती है अगर कोई बधाई देने वाला ही न हो,

_ और विफलता भी सुन्दर लगती है जब आपके साथ कोई अपना खड़ा हो.

क्या आप किसी बेहतरीन चीज़ को सुंदर बनाने के लिए.. उसे नष्ट कर देंगे ?

” सोचें ” आपके लिए क्या अच्छा है और क्या नहीं ? – 2022

हम इस दुनिया में चिंतित होने के लिए नहीं आये हैं ;

_ हमारे विचार चिंतित और तनाव का कारण बनते हैं, और हम विचार बदल सकते हैं.!!
_ “स्वस्थ सोच एक आदत है, जैसे विक्षिप्त सोच एक आदत है.!!”

अगर आप लोगों के खुश होने के चक्र को रोकना चाहते हैं। । ।

_ तो आपको अपने आप को.. किसी और चीज और लोगों से ऊपर खुद को प्राथमिकता देना चाहिए.
_ दूसरों को खुद पर नियंत्रण नहीं करने देना चाहिए, और खुद की भी सुनना चाहिए.
_ क्योंकि याद रखें: आप महत्वपूर्ण भी हैं.

यह कभी न भूलें कि आप कैसे चलते रहे;

_याद रखें कि आप इतनी दूर आ गए हैं.!!

इस दुनिया में कोई भी चीज़ आपको उतना कष्ट नहीं दे सकती..

_ जितना आपके अपने विचार..!!
_ कभी-कभी हमारी याददाश्त ही हमारी सबसे बड़ी दुश्मन होती है ;
_इसे जाने देना चाहिए.!!

बड़ा मनुष्य वह होता है जो वैचारिक असहमति के बावजूद अपने मानवीय मूल्यों को बचाकर रखता है.

किसी व्यक्ति को जितने लोग पसंद करने वाले होते हैं,

_ उतने ही उसे नापसंद करने वाले भी होते हैं.
_ यदि किसी की नज़रों में आप अत्यंत मूल्यवान हैं, तो कई ऐसे लोग भी होंगे जिनकी नज़रों में आपका कोई मूल्य ही न हो.
_ इसलिए न किसी की तारीफ़ से खुश होना चाहिए, न किसी की निन्दा से दुखी.!!
जो आपको पसंद नहीं करते ..उन्हें सिर्फ़ अपनी वास्तविकता दिखाएँ,

_ कभी अपना विजन न दिखाएँ,
_ अपने इरादों को प्रसारित न करें,
_ चुपचाप काम करें और हासिल करते रहें,
_ आपकी उपलब्धियाँ ही आपका चेकमेट [शह और मात] हैं.

जो दूसरे कर रहे हैं, आपको भी वही करने कि ज़रूरत नहीं है ;

_ वो करिए जो आपके लिए वाकई मायने रखता है !!
_ भौतिक चीजें थोड़ी -सी हों, तो भी खुश रहना चाहिए..
__ ये ज़िन्दगी भौतिक चीजों से नहीं आपकी अंतरात्मा कि प्रसन्नता से चलती है..!!

अपने वक्त के साथ गर्मियों का मौसम चला गया, वक्त के हिसाब से सर्दी भी आ गई,

_ हमारे कर्म और भाग्य हमे धनवान और सुखी भी बना देंगे,
_ सरकारे चिकित्सा, शिछा और कानून व्यवस्था बेहतर भी कर देगी..
_ पर इनमें से कोई भी चीज अपने दिमाग की बनावट को नही बदल सकती,
_ वो हमेशा असन्तुष्ट और चिंतित ही रहेगा…!

जीवन में हमारे संघर्ष हमारी ताकत का विकास करते हैं ;

_ संघर्षों के बिना, हम कभी भी आगे नहीं बढ़ पाते हैं और न ही कभी मजबूत होते हैं,
_ इसलिए हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने दम पर चुनौतियों का सामना करें,
_ और दूसरों की मदद पर निर्भर न रहें.

जीवन में कई बार हमें सेकंड के सौवें हिस्से में जल्दबाजी में निर्णय लेना पड़ता है..

_ और फिर उसके अच्छे या बुरे परिणामों के साथ हमें पूरी जिंदगी जीना पड़ता है..
_ और फिर हम उस सही या गलत निर्णय के लिए खुद को कोसते रहते हैं, अपने आप को..
_ कि वो सही या गलत फैसला हमने क्यों लिया था….!

हम चीजों के खोने पर रोते हैं क्योंकि उनकी कीमत होती है;

_ लेकिन क्या हम जीवन की हानि पर भी रोते हैं,
_ [ जीवनयापन ] जीने का खर्च बहुत ज्यादा है,, और हमने इसकी कीमत चुकाने से इनकार कर दिया है..!!
_ काश, हम सब की ज़िन्दगी रोचक होती !!
_ हम सब मज़े से जीना चाहते हैं..
_ लेकिन आस-पास के हालात हमारी चमड़ी उधेड़ते रहते हैं..
_ और हम अपने बदन को छिला हुआ देखकर भी यह नहीं तय कर पाते कि इस पर हंसें या रोएँ !
_ “मुश्किलों का सामना करने के दो तरीके हैं ;
_ आप कठिनाइयों को बदल देते हैं या उनका सामना करने के लिए खुद को बदल लेते हैं.”

सब कुछ उस व्यक्ति के निर्णय पर निर्भर करता है, जिसे आपके साथ रहना है.

_ वह आपकी तमाम खामियों को भी नजरअंदाज करके परफेक्ट कारण बता देगा.
_ और अगर उसे नही रहना है तो राई के दाने सी बात का इश्यू बना के छोड़ जाएगा..!

आप किसी को जितना अधिक मौके देंगे, उनके मन में आपके लिए उतना ही कम सम्मान होना शुरू हो जाएगा ;

_ वे आपके द्वारा निर्धारित मानकों को नज़रअंदाज करना शुरू कर देंगे..
_ क्योंकि उन्हें पता चल जाएगा कि एक और मौका हमेशा दिया जाएगा ;
_ वे आपको खोने से नहीं डरते _क्योंकि वे जानते हैं कि चाहे कुछ भी हो जाए आप उनसे दूर नहीं जाएंगे ;
_ आपकी क्षमा के आधार पर वे सहज हो जाते हैं ;
_ कभी भी किसी व्यक्ति को आपका अनादर करने में सहज न होने दें !!
The more chances you give someone the less respect they’ll start to have for you. They’ll begin to ignore the standards that you’ve set because they’ll know another chance will always be given. They’re not afraid to lose you because they know no matter what you won’t walk away. They get comfortable with depending on your forgiveness. Never let a person get comfortable disrespecting you.

पीछे मुड़कर पछताने की अपेक्षा आगे की ओर देखकर तैयारी करना बेहतर है.

It’s better to look ahead and Prepare, than to look back and Regret.

सबसे बड़ी जागृति तब आती है जब आपको एहसास होता है कि हर कोई नहीं बदलता.!! _ कुछ लोग कभी नहीं बदलते..!!! और यही उनकी यात्रा है. _ उन्हें ठीक करने का प्रयास करना _ आपका काम नहीं है..!

One of the greatest awakenings comes when you realize that not everybody changes. Some people never change. And thats their journey. It’s not yours to try to fix for them.

हर कोई अपने जीवन में एक बिंदु पर आता है जब वे छोड़ना चाहते हैं। लेकिन उस क्षण आप क्या करते हैं यह निर्धारित करता है कि आप कौन हैं.

Everybody comes to a point in their life when they want to quit. But it’s what you do at that moment that determines who you are.

“यहाँ हर चीज़ हर चीज़ के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ी हुई है ; _यदि आप शांतिपूर्ण, सुखी जीवन जीना चाहते हैं ; _ फिर दूसरों को परेशान मत करो.”

“Everything is intimately connected with Everything here. If you want to live a peaceful, happy life. Then do not disturb the others.”

यदि आप अपने विचारों को नियंत्रित करना नहीं सीखते हैं, तो आप कभी भी अपने व्यवहार को नियंत्रित करना नहीं सीखेंगे.

If you don’t learn to control your thoughts, you will never learn how to control your behavior.

कभी-कभी आप किसी चीज़ का मूल्य तब तक नहीं जान पाएंगे जब तक कि वह एक स्मृति न बन जाए..

Sometimes you will never know the value of something, until it becomes a memory.

हममें से कुछ जल्दी परिपक्व हो गए क्योंकि जीवन ने हमें कम उम्र में दुनिया का सबसे बुरा पक्ष दिखाया.

Some of us matured early because life showed us the worst side of the world at an early age.

आपके जीवन के सबसे बुरे समय के बारे में _सबसे अच्छी बात यह है कि _आपको हर किसी का असली रंग देखने को मिलता है.

_जब आप विजेता होते हैं तो हर कोई आपसे प्यार करता है ; _लेकिन जब आप हारे हुए होते हैं, तो उतना नहीं.

The best thing about the worst time in your life, is that you get to see the true colors of everyone.
Everyone loves you when you are a winner. But when you are a loser, not so much.

समस्या यह है कि जब लोग असली होते हैं तो उनसे नफरत की जाती है और नकली होने पर प्यार किया जाता है.

The problem is people are being hated when they are real, and are being loved when they are fake.

अगर आप दूसरों से सम्मान पाना चाहते हैं, तो सबसे बड़ी बात है खुद का सम्मान करना ; _ केवल उसी से, केवल आत्म-सम्मान से ही आप दूसरों को अपना सम्मान करने के लिए बाध्य कर सकेंगे.

If you want to be respected by others, the great thing is to respect yourself. Only by that, only by self-respect will you compel others to respect you.

सबसे बड़ी गलती जो हम करते हैं, वह है दूसरों की राय को _ अपने बारे में _ अपनी राय से अधिक महत्वपूर्ण बनाना.

यदि आप उन्हें अपने आत्म-सम्मान को कमज़ोर करने की अनुमति देते हैं, तो आप अपने सम्मान के बजाय दूसरों का सम्मान चाह रहे हैं, और आप स्वयं का त्याग कर रहे हैं.

लोगों को अपने जीवन की घटनाएँ बताना, ख़ासकर बुरी घटनाएँ, खुद को चौराहे पर बेनकाब करने जैसा है.

_ अनेक तमाशबीन इकट्ठे हो जाते हैं और चटखारे लेते हैं.
_ घटनाएँ नहीं, उन घटनाओं-दुर्घटनाओं से उपजा ज्ञान लोगों में बाँटें,
_ इससे आपके दुखों का उदात्तीकरण होगा..!!

आपको निराश करने के लिए लोगों को दोष न दें ; _ उनसे बहुत अधिक अपेक्षा करने के लिए स्वयं को दोषी ठहराएँ.

Don’t blame people for disappointing you. Blame yourself for expecting too much of them.

उन लोगों से नाराज़ न हों जिनमें बदलाव की क्षमता नहीं है.

Don’t be angry with people who don’t have the capacity to change.

यह विश्लेषण करना महत्वपूर्ण है कि आप जो चाहते हैं _वह आपके लिए है _या आप इसे दूसरों की स्वीकृति के लिए चाहते हैं.!!

It’s impotant to analyze whether what you want is for yourself or if you want it for the acceptance from others.

“यदि आप जानते हैं कि लोग मृतकों को कितनी जल्दी भूल जाते हैं, तो आप लोगों को प्रभावित करने के लिए जीना बंद कर देंगे.”

“If you know how quickly people forget the dead, you will stop living to impress people.”

जहाज़ चारों ओर पानी के कारण नहीं डूबते; जहाज डूब जाते हैं क्योंकि उनमें पानी भर जाता है.

_ आपके आस-पास जो कुछ भी हो रहा है उसे अपने अंदर हावी न होने दें और आप पर दबाव न डालें.

Ships don’t sink because of the water around them; ships sink because of the water that gets in them. Don’t let what’s happening around you get inside you and weigh you down.

लोगों के इतनी जल्दी हार मानने का कारण यह है कि वे यह देखने लगते हैं कि उन्हें अभी कितनी दूर जाना है, बजाय इसके कि वे कितनी दूर आ गए हैं.

The reason why people give up so fast is because they tend to look at how far they still have to go, instead of how far they have come.

अपनी भावनाओं को कभी भी ज्यादा गहरा न होने दें, लोग किसी भी पल बदल सकते हैं.

Never let your feelings get too deep, people can change at any moment.

आप जो चाहते हैं वह आपको नहीं मिलता; आपको वही मिलता है जिसके लिए आप काम करते हैं.

You don’t get what you wish for; you get what you work for.

जो काम आपने नहीं किया, उसके न मिलने वाले परिणाम से निराश न हों.

Don’t be upset by the result you didn’t get, from the work you didn’t do.

जब आप अपने लिए कुछ अलग चाहते हैं, तो आपको अलग की ओर बढ़ना शुरू करना होगा.

_पुरानी चाबियाँ नए दरवाजे नहीं खोलतीं

When you want different for yourself, you have to start moving different. Old keys dont unlock new doors.

आप वह नहीं खो सकते जो आपके पास कभी नहीं था, आप वह नहीं रख सकते जो आपका नहीं है, _ और आप उस चीज़ को पकड़कर नहीं रख सकते _ जो आपके पास नहीं रहना चाहती.

You can’t lose what you never had, you cant keep what’s not yours, and you can’t hold on to something that doesn’t want to stay.

आज हमारी पसंद या तो हमें उस जीवन के करीब ले जा रही है _ जो हम चाहते हैं,

_ या वे हमें उसी स्थिति में फंसाए रख रहे हैं _ जिसमें हम हमेशा से रहे हैं.

Our choices today are either getting us closer to the life we desire, or they are keeping us stuck in the same exact situation we have always been in.

सच तो यह है, जब तक आप जाने नहीं देते, जब तक आप खुद को माफ नहीं करते, जब तक आप स्थिति को माफ नहीं करते, जब तक आपको यह एहसास नहीं होता कि स्थिति खत्म हो गई है, आप आगे नहीं बढ़ सकते.

The truth is, unless you let go, unless you forgive yourself, unless you forgive the situation, unless you realize that the situation is over, you cannot move forward.

ऐसा लगता है कि हर किसी को इस बात का स्पष्ट विचार है कि दूसरे लोगों को अपना जीवन कैसे जीना चाहिए, लेकिन अपने बारे में किसी को नहीं..!!

The truth is, unless you let go, unless you forgive yourself, unless you forgive the situation, unless you realize that the situation is over, you cannot move forward.

यदि आप कुछ करने जा रहे हैं, तो पूरे रास्ते जाएँ. अन्यथा, आरंभ ही न करें.

If you’re going to do something, go all the way. Otherwise, don’t even start.

आप जितने बड़े होंगे, आप उतने ही अधिक शांत हो जायेंगे.

जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, जीवन आपको गहराई से नम्र बनाता है.

_आपको एहसास होता है कि आपने कितनी बकवास में समय बर्बाद किया है.

The older you get, the more quiet you become.

Life humbles you so deeply as you age.

You realize how much nonsense you’ve wasted time on.

चीज़ों के बेहतर होने का इंतज़ार न करें. जीवन हमेशा जटिल रहेगा. अभी खुश रहना सीखें, नहीं तो आपके पास समय खत्म हो जाएगा.

Don’t wait for things to get better. Life will always be complicated. Learn to be happy right now, otherwise you’ll run out of time.

यह उम्मीद न करें कि लोग आपके लिए मौजूद रहेंगे. _ सिर्फ इसलिए कि आप हमेशा उनके लिए मौजूद हैं. _ हर किसी का दिल आपके जैसा नहीं होता.

Don’t expect people to be there for you. Just because you are always there for them. Not everyone has the same heart as you.

जिंदगी में ऐसे मौके भी आते हैं, जब आप लोगों की मदद के मोहताज होते हैं, और लोग मदद भी करना चाहते हैं,

लेकिन आपके स्वभाव और खराब आदतें देखकर, आपकी मदद नहीं कर पाते.

अपने भीतर करुणा रखिए आवेश नहीं, _ क्योंकि बादलों की वर्षा से ही पुष्प खिलते हैं उसकी गर्जना से नहीं …

_ जिदंगी जीने का सही तरीका उन्हीं को आया है, _ जिन्होंने जिदंगी में हर जगह * बादाम * नहीं बल्कि * धक्का * खाया है ..

ये दुनियादारी एक मकड़जाल है __ ज्यादा इधर उधर में रहोगे तो फंसते जाओगे__ बेहतर है खुद पर ध्यान केंद्रित करो !

_ पुरानी बातों कि उलझनों में ज्यादा देर तक उलझे रहना सही नहीं है, उस दायरे से बाहर निकल जिंदगी को रिफ्रेश करते रहो !!

जब परिस्थितियां बदल जाती हैं, तो रणनीति बदलने में कोई बुराई नहीं है ;

_ अपना सर्वश्रेष्ठ करें, वर्तमान का मजा लें और जो है उसमें खुश रहें..!

जीवन का मूल्य समझें और इस जीवन को किसी अच्छे कार्य को समर्पित करें..

_ तभी ये सुन्दर है..!!

आप जिस भी दौर से गुजर रहे हैं, चलते रहें और अपने आप को कभी न छोड़ें.

Whatever you’re going through, keep going & never give up on yourself.

किसी व्यक्ति का अंतिम माप यह नहीं है कि वह आराम और सुविधा के क्षणों में कहां खड़ा है, बल्कि यह है कि वह चुनौती और विवाद के समय कहां खड़ा है.

The ultimate measure of a man is not where he stands in moments of comfort and convenience, but where he stands at times of challenge and controversy.

अफवाहें आपको निर्दोष लोगों को नापसंद करने पर मजबूर कर सकती हैं.

_ लोगों का मूल्यांकन इस आधार पर न करें कि दूसरे उनके बारे में क्या कह रहे हैं.

_ बुद्धिमान बनें, उन्हें स्वयं जानें, फिर अपनी राय बनाएं.

_ हो सकता है कि जो लोग आपसे बात कर रहे हों, उनसे आपको दूर रहने की ज़रूरत हो.

Rumors can make you dislike innocent people. Don’t judge people off of what others are saying about them. Be wise, get to know them for yourself, then form your own opinion. The people talking to you, may be the ones you need to stay away from.

यह विश्लेषण करना महत्वपूर्ण है कि आप जो चाहते हैं वह आपके लिए है या आप इसे दूसरों की स्वीकृति के लिए चाहते हैं.

It’s important to analyze whether what you want is for yourself or if you want it for the acceptance from others.

सब कुछ वादा करने और कुछ भी न देने की तुलना में कुछ न देने का वादा करना और सब कुछ देने का प्रयास करना कहीं बेहतर है.

It is much better to promise nothing and try and give everything than promise everything and give nothing at all.

जब आप शिकायत करते हैं, तो आप स्वयं को पीड़ित बनाते हैं.

_स्थिति को छोड़ें, स्थिति को बदलें, या इसे स्वीकार करें. __बाकी सब पागलपन है.

When you complain, you make yourself a victim. Leave the situation, change the situation, or accept it. All else is madness.
यह कभी न भूलें कि जब आपको जरूरत थी तब किसने आपकी उपेक्षा की और आपके मांगने से पहले ही किसने आपकी मदद की.
Never forget who ignored you when you needed them and who helped you before you even had to ask.
लोग आते हैं और जाते हैं. _लेकिन यह ठीक है. उनके आने से आपकी कृतज्ञता बढ़े और उनका जाना आपकी ताकत बने.
People come and go. But that’s okay. Let their coming build your gratitude, and their going build your strength.
जिस क्षण आप अपने जीवन में हर चीज़ की ज़िम्मेदारी स्वीकार करते हैं, उसी क्षण आप अपने जीवन में सब कुछ बदलने की शक्ति प्राप्त कर लेते हैं.
The moment you accept responsibility for everything in your life is the moment you gain the power to change everything in your life.

अगर हम किसी दीवार पर सिर मारते हैं, अपनी चोट पर रोते हैं और दीवार पर दोष निकालते हैं, तो गनीमत है हमारी बुद्धि, हमारी समझ काम नहीं कर रही ;

लेकिन असल जीवन में भी तो हम यही करते हैं, हम दीवार की जगह किसी व्यक्ति को चुन लेते हैं, उससे भीड़ जाते हैं और उसी पर दोष लगाते चले जाते हैं ;

_ तो क्या असल जीवन में हम अपनी समझ का प्रयोग कर रहे हैं ?? यह हमें तय करना है !!

“जो लोग समझदार होते हैं, वह दूसरों से उलझने के बजाय _ खुद को सुधारने में वक्त बिताते हैं.”

इतने वर्षों के अनुभवों ने जो नहीं सिखाया, वो एक हादसे ने सीखा दिया…कि

_ दूसरों पर भरोसा करने से पहले खुद पर भरोसा करना जरूरी है _ वरना लोग भरोसा के नाम पर जीने नहीं देंगे…!!!

“– आँखों से जब भरोसे का चश्मा उतरता है,_ तब समझ में आता है कि दुनिया क्या चीज है.–“

कभी-कभी आपको लोगों में अच्छाई देखना बंद करना होगा _और वह देखना शुरू करना होगा _जो वे आपको दिखाते हैं.

कुछ चीजें और यादें ऐसी होती हैं जिन्हें आप कभी खत्म नहीं कर सकते ; _आपको ऐसी दुनिया में नहीं होना चाहिए जैसे कि चीजें आपके साथ नहीं हुई थीं.

_दु:ख एक संकेत है कि आप गहराई से परवाह करते हैं और आप प्रभावित हुए थे. _ भूलने की कोशिश किए बिना महसूस करो.

सबकुछ खोने के बाद भी; पुनः सबकुछ पा लेने की जो आस है न…यही ज़िन्दगी है..

_ हार मत मानना यारों, _ वो सबकुछ मिलेगा जिसके तुम हकदार हो, _ सही दिशा में चलते रहो…!!!

चीजें जिन्हें आप होने से नहीं रोक सकते, क्योंकि वे होने के लिए बनीं हैं ;

_ लेकिन इससे दूर भागने के बजाय आप को इसे अपनाना चाहिए,

_ इसे हल करना चाहिए और इससे सीखना चाहिए..!!

जिस तरह समुद्र में लहरे शांत हो जाये यह कल्पना गलत है, _ इसकी बजाय हम अच्छी तरह से तैरना सीखें, नाव चलाना सीखें _वो जरुरी और उपयोगी है,

_ उसी प्रकार संसार के झमेले कभी ख़त्म नहीं होते, हमे अपनी कुशलता और क्षमता में वृद्धि करना चाहिए, _ ताकि हम आराम से जीवन यापन कर सकें !!!

दुनिया से अधिक आशा रखना हमारी प्रसन्नता के लिए घातक होता है ; _कभी-कभी जीवन कम समय में बहुत सी क्रूरताएँ देख लेता है.

_ फिर वो चीख-चीखकर चिल्लाना चाहता है, _और जब वह चिल्ला नहीं पाता तो _गले‌ के ठीक नीचे _सीने के बीचोंबीच एक हूक सी उठाता है, _ एक ऐसा दर्द जिसका कोई औषधि नहीं होती..!!

“- दुनिया अजीब दोगली है” लोग इस बात की चिंता तो नहीं करते कि आप कैसे रहते हैं _लेकिन उन्हें इस बात की भरपूर चिंता रहती है कि आप करते क्या हैं ?

“जिदंगी बहुत छोटी है…उसे हर सुबह दु:ख…पछतावे…खेद के साथ जागते हुए बर्बाद न करें._

_ जो लोग आपसे अच्छा व्यवहार करते हैं, उन्हें प्यार करो ओर जो नहीं करते उनके लिए दया..सहानुभूति…रखो.”

अनजाने में ही सही लेकिन जिस इंसान का आप ने भरोसा तोड़ा हो, या आप की वजह से उस की जिंदगी में कोई दिक्कत आई हो ;

_ उस इंसान से आप कभी आँख नहीं मिला पाएंगे, इसके साथ साथ आप उससे सामना भी करने में कतराएंगे..

जिस चीज से जितना दूर भागोगे.. वो उसी गति से आपके पीछे लग जाएगी,

_ उसे स्वीकार लोगे तो उसका प्रभाव आपके वर्तमान जीवन पर इतना नहीं पड़ेगा..
_ जितना कि उसको अस्वीकार करने से पड़ता है…!

सहानुभूति के होंठ जल्द ही आपके उपहास में बदल जाते हैं,

इसलिए, _ सहानुभति पाने के लिए अपनी समस्या सबको ना बताएं !!

आज रास्ता बना लिया है तो, कल मंजिल भी मिल जाएगी._

_ हौसलों से भरी यह कोशिश एक दिन जरूर रंग लाएगी.

जब ज़िन्दगी आपको दोबारा मौका दे, _

_ तो पुरानी गलतियों को दोहराने की गलती कभी मत करना…

परिस्थिति बदलना जब मुमकिन ना हो तो मन की स्थिति बदल लीजिए, _

_ सब कुछ अपने आप ही बदल जाएगा ..

दूसरों से यह उम्मीद रखना कि वे आपके अनुसार बदल जाएँ,

_ यह बात समरसता को बिगाड़ देती है.

लोग आप को तब ज्यादा पसंद करने लगते हैं, जब आप अपने खुद के विचार लोगों के सामने रखते हैं, _

_ बजाए दूसरों के विचारों पर हां करने के ..

कुछ लोगों को यह दिखावा करना पड़ता है कि आप बुरे व्यक्ति हैं ;

_ ताकि वे आपके साथ किए गए कार्यों के लिए दोषी महसूस न करें..!!

हमारे बीच अब दूरियां ही रहने दो, हमारी नजदीकियां अब पहले जैसी नहीं रहीं..!!

आपका कर्तव्य क्या है ? _खुश लोगों की वजह से यह विश्व चल रहा है _ और हम

इस विश्व का हिस्सा हैं, ” इसलिए खुश रहना हमारा कर्तव्य भी है और अधिकार भी “

जो भी करें, मन से करें, कर्म जब आनंद देने लगता है, _ तब मिलकर ही रहती है सफलता..

–” अच्छा सोचने वालों की दुनिया”…_ “दुनिया वालों की सोच से अलग होती है…-“

अवसरों को हाथ से जाने न दें और अपने भविष्य को आगे बढ़ाएं _

क्योंकि जब आप उन्हें लेना बंद कर देंगे तो जीवन आपको अवसर देना बंद कर देगा.

जब आप अपने जीवन के उज्ज्वल पक्ष को देखते हैं,_

_ तो आपके जीवन का अंधेरा अपने आप गायब हो जाता है..

जो छोटे कामों के पीछे बहुत ज्यादा पड़े रहते हैं, _

_ वे अकसर बड़े कामों के लिए नाकाबिल बन जाते हैं..

आजाद कर दो उन परिन्दों को, _ जो आपके साथ रहना खुद की तौहीन समझें,

_ सबको समेटने की जबरदस्ती, हमें मिटा देती है !

Confidence यह नहीं है कि लोग आपको पसंद करेंगे ही,

_ confidence यह है कि _ जब वो पसंद ना भी करें _ तब भी आप ठीक हो..

ज़िन्दगी ऐसे चार लोगों से भी नवाज़ती है क्या ?

_ जिनसे आप मन के छिपे कोनों के सुख-दुःख साझा कर सकें ?

ज़िन्दगी में एक बात सीख लो मेरे यार, किसी के लिए अगर आप जरुरी हो तो,_

_ कल भी उतने ही जरुरी होंगे, इसका भरोसा नहीं..

हम अपनी ज़िन्दगी की सबसे बड़ी गलती उन लोगों को एहमियत देके करते हैँ,

_ जिनकी हमारी ज़िन्दगी में कोई एहमियत ही नहीं.

जरूरत से अधिक आत्मग्लानि भी आपको पुनः उठ खड़े होने से रोकती है…

_ इसीलिए स्वयं के साथ नरमी से पेश आएं और अपने आप को माफ़ करना सीखें…!!!

सृजन कर्ता हर परिस्थिति को झेलते हुए आगे निकल जाते हैं_ और बुजदिल_

_ दुसरो को ब्लेम करने में, खुद की सफाई देने में अपना दुर्भाग्य गा रहे होते हैं.

“– समाधान खोजने से पहले अपनी समस्या को गहराई से समझिये, तभी समाधान निकलेगा.–“

कोई दूसरा आपको चोट नहीं पहुंचा सकता, _ यह आप ही हैं

_  जो खुद को चोट पहुँचा रहे हैं और हथियार आपके अपने विचार हैं..

लोग तारीफ करें और आप खुश हो जाओ, मतलब आप का सुख दुख का स्विच लोगों के हाथ में है, _

_ कोशिश करें कि ये स्विच आप के हाथ में हो, जीवन में आगे बढ़ना है तो कभी – कभी बहरे हो जाओ !!

आप जैसे हैं, यह आपके साथ हुई घटना का परिणाम नहीं है,_

_ यह इस बात का परिणाम है कि आपने अपने अंदर क्या रखने का फैसला किया है.

आप जीवन में बहुत कुछ नहीं कर सकते यदि आप केवल उन दिनों में काम करते हैं जब आप अच्छा महसूस करते हैं.

You can’t get much done in life if you only work on the days when you feel good.

” आपको वह मिलता है जिस पर आप ध्यान केंद्रित करते हैं, _

_  इसलिए उस पर ध्यान केंद्रित करें जो आप प्राप्त करना चाहते हैं “

जिस इंसान की हर बात आप को सोचने पर मजबूर कर दे, _

_ उस इंसान के साथ कभी दुश्मनी मत करना !!

” लोग आपके बारे में बहुत सी चीजों को नकारते हैं _

_ यह आपको तय करना है कि आपके लिए क्या अच्छा है और क्या नहीं “

तुम जिस बात को समझ लेते हो, वो बात तुम्हें कभी परेशान नहीं कर सकती, _ यदि फिर भी

वो बात तुम्हें परेशान करे, तो समझ लेना कि तुम्हें समझ नहीं आई _ सिर्फ तुमने सिर हिला दिया है..

कुछ समस्याएं जो हमारे पास है, उनके बारे में सोचकर दुःखी होने से अच्छा है _

_ हम ये सोचकर खुश रहें कि बहुत ऐसी समस्याएं हैं _ जो हमारे पास नहीं है.

उन चीजों के बारे में चिंता क्यों करें जिन्हें आप नियंत्रित नहीं कर सकते _

_ जब आप उन चीजों को नियंत्रित करने में खुद को व्यस्त रख सकते हैं जो आप पर निर्भर हैं ?

” कौन, किसकी मदद करता है “? आपसे कम ज्ञानी इंसान, आपसे मदद लेकर वास्तव में आपकी ही मदद करता है.

_ क्योंकि वह निम्न स्तर पर रहकर भी आपको ऊपर उठाता है.

बिना किसी स्वार्थ के न कोई बात करता है न कोई मिलना चाहता…

_ दुनिया इतनी काम्प्लेक्स हो गई है कि_ कौन भीतर से कैसा है…उसका पता लगाना भी मुश्किल है….!!!

*–रंग छोड़ते कपड़े और रंग बदलते लोग, कितना भी ब्रांडेड हों, दिल से उतर ही जाते हैं.–*

आप के अपने ही लोग आपको आगे नहीं बढ़ते देखना चाहते,

_ आप का मित्र आप से ही प्रतिस्पर्धा रखता है और आप के रिश्तेदार आप के गिरने का इंतज़ार करते हैं,

_ ये बात कोई मुहं पर नहीं बोलते, लेकिन चाहते रहते हैं कि, कहीं गलती से जीवन में ये कुछ बड़ा न कर ले !!

विश्वास करने वाले से ज्यादा बेवकूफ विश्वास तोड़ने वाला होता है,

_ क्योंकि वो सिर्फ एक छोटे से स्वार्थ के लिए एक प्यारे इंसान को खो देता है.!!

कुछ क्षणिक लोग ज़ीवन को स्थाई रूप से नरक बना कर चले जाते हैं _ और हम

_  उन बुरे अतीत से लड़ने में ही अपना वर्तमान, भविष्य सब कुछ नष्ट कर लेते हैं..

यह दुनिया है जनाब, यहां मुफ्त में मशवरे मिल जायेंगे हज़ार _

_ पर जब बात जिम्मेवारी की आएगी, _ तो कोई नही होगा तैयार ..

जो तुम्हे धोखा दे, समझना की बड़ा गरीब है, तुमसे ज्यादा गरीब है, तुमसे ज्यादा बड़ा भिखारी है, उस पर दया करना, _

_ इसलिए नहीं की तुम्हारी दया से वो बदल जायेगा _ वो बदले ना बदले लेकिन तुम बदल जाओगे.

जब कोई धोखा दे जाए तो शांत रहिएगा, क्यूँकि जिन्हें हम जवाब नहीं देते _

_ उन्हें वक़्त जवाब देता है, _ और वक़्त के फेर से कोई बच नहीं पाया है.

दूसरों की परेशानी का आनंद ना लें कहीं रब आपको वही गिफ्ट ना कर दे,

_ क्योंकि रब वही देता है जिसमें आपको आनंद मिलता है…

जिंदगी में कोई भी चीज इसलिए हासिल करने की कोशिश करें _ _ क्योंकि उससे

आपको ख़ुशी मिलेगी, इसलिए नहीं कि वो आपके दोस्त, रिश्तेदार या पड़ोसी के पास है.

उन लोगों से बचें जो आपकी आवश्यकता होने पर आपका सम्मान करते हैं और _

_ जब आपकी आवश्यकता नहीं तो आपका अनादर करते हैं..

बहुत से लोग हमें सिर्फ इसलिए छोड़ देते हैं,

_क्योंकि हम अपनी जिंदगी में बहुत अच्छा कर रहे हैं..!!

अगर आप की बहस बदतमीज इंसान से हो तो, हार मान लेनी चाहिए ; _

_ क्योंकि आपकी आवाज कितनी ही दमदार हो, आप अच्छे से भौंक नहीं सकते ..

अपनी चीज़ों से दूसरों को प्रभावित करने की कोशिश करना बंद करें

_और अपने जीवन से _उन्हें प्रेरित करने की कोशिश करना शुरू करें.

अब वो समय आ गया है _ जब आप ऐसे लोगों को इग्नोर करेंगे _

_ जैसे उन्होंने कभी आपको गंदे तरीके से इग्नोर किया था.

अपनी उत्तेजनाओं में हम उस चीज को भी जला डालते हैं,

_ जिससे हमें ख़ुशी प्राप्त होने वाली होती है.

यदि आप उदास हैं तो आप अतीत में जी रहे हैं, _

_ बीती बातों को भूलकर जीवन में आगे बढ़ें..

सच बड़ी काबिलियत से छुपाने लगे हैँ हम, _

_ हाल पूछने पर बढीया बताने लगे हैँ हम !!

जिंदगी की ठोकर बहुत निराली है, _ जब भी लगती है,

किसी की असलियत दिखा ही जाती है, या फिर कुछ ना कुछ, जरूर सिखा जाती है.

अगर देखना चाहते हो दुनिया आपके बगैर कैसी है,

_तो बस ये देख लो _ जो लोग मर गए _उनके बगैर कैसी है..

कठिन समय की सबसे अच्छी बात यह है कि _

_ आपको हर किसी के असली रंग देखने को मिलते हैं…

जरुरी नहीं कि इंसान बदला हो, क्या पता जीवन की किसी उलझन में फंसा हो _

_थोड़ा वक्त दो उसे,,!!

जिसके साथ जीवन गुज़ारना हो,

उसकी निंदा करके आप कभी भी आनंद को उपलब्ध नहीं हो सकते.

जो लोग आपको अच्छे लगते हैं,

कोशिश करें कि उनसे आपको कभी कोई काम ना पड़े..

बदल गई है रंगत जमाने की साहब,

आजकल वही अनजान बनते हैं, जो सब कुछ जानते हों..

डिप्रेशन में जाना ओवर थिंकिंग का नतीजा है, इस समय हमारा दिमाग _

_ उन प्रॉब्लम्स को क्रिएट करने लग जाता है, जिन का कोई अस्तित्व ही नहीं होता है..

अत्यधिक सोचना एक नकारात्मक कला है,

ये ऐसी समस्या को भी निर्माण करती है, _ जो वास्तविकता में नहीं है.

जिस चीज के आप हकदार नहीं थे, उसे झेलने के लिए आपको खुद से सबसे बड़ी माफी मांगनी होगी.

“बहुत सी समस्याये हैं, बहुत सी उलझने हैं लेकिन ऐसी एक भी उलझन नहीं _

_ जो मनुष्य हल करना चाहे और हल ना कर सके..

“– उचित यही है कि आती हुई समस्या का सही समय पर समाधान हो जाए वरना वह समस्या और समस्याओं को निमंत्रण देगी !–“

अगर आपका जमीर और नियत साफ है, तो इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता के आपको अच्छा कहे या बुरा,

आप अपनी नियत से जाने जायेंगे, दूसरे की सोच से नही..

किसी भी तरह की समस्या होने पर घबराएं नहीं _

_बल्कि बिना शांति खोए उसका समाधान करने का प्रयास करें.

” गज़ब का चमत्कार होगा,” सिर्फ कुछ दिनों के लिए,

अपने – आप को “होश” में पूरी तरह से महसूस करने की कोशिश करो..

कभी किसी को उसके बीते हुए कल से मत परखिए,

लोग सीखते हैं, बदलते हैं और आगे बढ़ते हैं..

” वजह ” ही तय करती है, कामयाबी का सफ़र..

वरना ज़िन्दगी का क्या है, आए – बैठे और रवाना हो गए…

जब परिस्तिथियां बदल जाये तो, _

_ रणनीति बदल देने में भी कोई बुराई नहीं है ..

आपको आगे बढ़ते रहने के लिए पिछली बातों को भूलते रहना होगा,

ये सोच कर कि बीता हुआ कल वापस नहीं आएगा.

बिता हुआ कल अगर वर्तमान पर नकारात्मक प्रभाव डालने लगे,

तो बीते हुए कल को ज़हर समझकर त्याग देना चाहिए.

दिखावे के लिए बड़े लोगों में बैठकर ख़ुद को जलील मत किया करो,

बस रहो अपनों में नवाबों की तरह…

लोगों की निंदा से परेशान होकर अपना रास्ता मत बदलना,

क्योंकि सफलता शर्म से नहीं साहस से मिलती है..

जो लोग बेहतर उपायों का विरोध करने लगें,

तो इसका मतलब है कि वो हमारे हितैषी नहीं हैं.

दिल तो रोज कहता हैं कि मुझे कोई सहारा चाहिए..

फिर दिमाग कहता है क्यों तुम्हे धोखा दोबारा चाहिए…

दुनिया में आधे लोगों को आप की मुसीबत सुनने में कोई रस नहीं,

और बाकी आधे लोगों का खयाल है कि आप इसी लायक हो.

कभी उस इंसान के लिए मत रोओ जो तुम्हे दुख दे, बस मुस्कुराओ और कहो,

“शुक्रिया” तुमसे से बेहतर किसी को खोजने का मौका देने के लिए..

कोई फायदा नहीं किसी के पीछे पीछे जाने का, हँसते हँसते खुद की Life Enjoy करो

और भूल जाओ उसे, जो तुम्हे भूल गया हो.

बात बनाने वाले अक्सर बात बनाया करते हैं,

जो खुद होते हैं झूठे यारों _ औरों को झूठा बताया करते हैं.

ज्यादा सोचने की जरुरत नहीं है, क्योंकि लोगों की तो आदत होती है,

सामने सलाम और पीठ पीछे बदनाम करने की..

“-बदनामी का डर तो सिर्फ उसे होता है _ जिसमें नाम कमाने की हिम्मत नहीं होती !!”

आप स्वयं को तब तक स्वतंत्र नहीं कह सकते ;

जब तक आप दूसरों को प्रभावित करने के लिए खुद में बदलाव लाते रहेंगे.

खुद को खोजिए _ वर्ना तुम ऐसे लोगों के हाथ की कठपुतली बन कर रह जाओगे _ जो खुद को भी नहीं जानते !

अगर लोग आप की तारीफ़ अचानक से शुरू कर रहे हैं, तो समझ जाइए की उनको कुछ काम लेना है ..

ऐसे लोगों से अवश्य संभल कर रहें, जो आप के सामने आप के साथ हैँ, _ और आप के पीछे आप के खिलाफ..
नफरत जलन होती है, असल में जब एक इंसान दूसरे इंसान से नफरत कर रहा होता है तो__ वास्तविकता में या तो वह उसे पा नहीं पाता, या वह उसके जैसा बन नहीं पाता है..

जब बराबरी की हर कोशिश नाकाम हो जाती है, _

_ तब आप से जलने वाले नफ़रत पर उतर आते हैं ..

फिक्र मत करो उनकी, वो तुम्हारी बुराई इसलिए कर रहे हैं, _ क्योंकि वो तुम्हारी बराबरी नहीं कर सकते,,,!!

” कोई दवा नहीं है उसके रोगों की, जो जलता है तरक्की देखकर लोगों की “

करने दो जो आपकी बुराई करते हैं,__

_ ऐसी छोटी – छोटी हरकतें छोटे लोग ही करते हैं.

कान के कच्चे लोग आपकी उन गलतियों के लिए नाराज़ रहते हैं, _

_ जो आपने कभी की ही नहीं…

मुर्ख होते हैं वो लोग, जो साधारण से काम को भी जबरदस्ती जटिल बना लेते हैं,

समझदार तो वो हैं, जो बड़े बड़े काम भी सरलता से कर लेते हैं.

जिंदगी के कुछ चैप्टर ऐसे होते हैं, जिन्हें आज नहीं तो कल बंद होना ही है…

इसलिए जो चीज़ें आपके लिए हैं ही नहीं, उन्हें ज़बरदस्ती पकड़ने से कोई फायदा नहीं है.

लोग इसलिए आपको रास्ते बदलने को कहते हैं, _ क्योंकि वो नहीं चाहते कि,

जो वो नहीं हासिल कर पाए, वो लछ्य आप हासिल कर लो.

कभी कभी आप बिना कुछ किए भी दुनिया को गलत लगते हैं, बुरे बन जाते हैं,

क्योंकि आप वो नहीं करते, जैसा लोग चाहते हैं कि आप करें.

उन लोगों के बारे में सोचना बंद कर दें _ जिनके लिए आप बिलकुल भी मायने नहीं रखते,

यकीन मानिए आप हर पल खुश रहेंगे..

दूसरों से प्रशंसा के कुछ शब्दों के लिए आपको कोई काम नहीं करना चाहिए, _

_ इसे हमेशा अपनी संतुष्टि के लिए करें..

जो लोग आपसे नफरत करते हैं, उनसे कभी बहस ना करें ; वे परजीवी की तरह हैं _

_ जो आप में से सभी सकारात्मक ऊर्जा को खत्म कर सकते हैं.

जब लोग बराबरी करने की स्थिति में नहीं होते तो जल कर और बुराई करके,

अपनी व्याकुलता कम करने की कोशिश करते हैँ.

जब कोई आपसे नफरत करने लग जाए, तो समझ लेना _

_ वो आपका मुकाबला नहीं कर सकता..

अगर आप किसी को बुरे लगते हैं तो उस से आप को दूर हो जाना चाहिए ;

आप की पचासों अच्छाइयां भी उस पर आप के लिए प्यार का काम नहीं कर सकती..

नफरत ही करते हैं ना लोग, _ और हमारा कर भी क्या सकते हैं..

उन्हें चिराग बुझाकर भी आजमाओ कभी, जो रोशनी में चमकते दिखते हैँ.

जो लोग दूसरों को निचा दिखाने में उलझे रहते हैं,

वो कभी ऊंचाइयों पर नहीं पहुंच पाते हैं..

अब इतनी ज्यादा समझ आ गयी है कि…

ना तो किसी के साथ बहस करने का मन करता है और ना ही ” समझाने का “

इश्क, वफाई, बेवफाई, रूसवाई पर अगर बात हो तो यहाँ कदरदान बहुत हैं,

_ लेकिन जब भी कुछ बातें इन सबसे हटकर हो तो लोग यहाँ अंजान बहुत हैं !!

जैसे जैसे आयु बढ़ती है ; आपको ये आभास होने लगता है कि आपने

व्यर्थ ही उन लोगों को महत्व दिया, जिनका आपके जीवन में कोई योगदान था ही नहीं.

नही मन करता अब किसी से बहस करने का, _ जो है जैसा है बस ठीक है..

मुझे हमेशा ख़ुशी होती है _जब मैं लोगों को अपनी इच्छानुसार जीवन जीने के लिए ईमानदारी से प्रयास करते हुए देखता हूँ.

_ जब मैं देखता हूं कि वे दुनिया को दोष नहीं दे रहे हैं और चुपचाप पूरे दिल से खुद को बदलने की कोशिश कर रहे हैं.

कुछ बातों से अनजान रहना ही अच्छा है, _ कभी- कभी

_ सभी कुछ जान लेना भी बहुत तकलीफ देता है…

खुद का ख्याल रखना सीख लो, नहीं तो जब कोई धोखा देगा,

_ तो कुछ करने लायक नहीं बचोगे.

बहुत कुछ है कहने को _ पर ना जाने क्यों _

_ अब कुछ ना कहना ही बेहतर होगा..

जितने दुख आपकाे मिल रहे हैं…

उसमें से निन्यानबे प्रतिशत आपके आविष्कार हैं.

बढ़ती उम्र आपको यह अवश्य बताएगी की _ कुछ लोगों को खो देना

_ वास्तव में _ बहुत कुछ पा लेने जैसा था.

यह वास्तव में मायने नहीं रखता कि पहले आप कौन थे,

_मायने यह रखता है कि अब आप कौन बन रहे हैं..!!

ह्रदय से अच्छे लोग बुद्धिमान होने के बाद भी धोखा खा जाते हैं, _

_ क्योंकि ये लोग दूसरों को भी,,,,, ह्रदय से अच्छे होने का विश्वास कर बैठते हैं ..

प्रायः शांत व्यक्ति विवाद से बचना चाहते हैं, इसलिए निर्णय भी नहीं लेना चाहते हैं,

_ जबकि वे सबसे अच्छा निर्णय ले सकते हैं..

जीवन में हम अपना काफी समय उनके लिए नष्ट कर देते हैं,

जिन्हें हमारी चिन्ता नहीं होती.

” कुछ लोगों के लिए आप महत्वपूर्ण नहीं हैं “

इस बात को स्वीकारिये और जीवन में आगे बढ़ते रहिए..

लोगों और परिस्थितियों से परेशान न हों,

क्योंकि आपकी प्रतिक्रिया के बिना दोनों ही शक्तिहीन हैं.

जब तक आप बुरे समय का अनुभव नहीं करते,

तब तक आप अपने जीवन के गौरवशाली दिनों को संजो नहीं सकते हैं.

ज़िन्दगी को खुली किताब ना बनाओ क्योंकि..

लोगों को पढ़ने में नहीं पन्ने फाड़ने में ज्यादा मजा आता है.

सफर में कहीं तो दगा खा गए हम..

जहां से चले थे फिर वहीँ आ गए हम…

पहचान बड़े लोगों से नहीं,

#समय पर #साथ देने वालों से होनी चाहिए !!

जरूरी नही गुनाहों की सज़ा में ही दर्द मिले,

कुछ ज्यादा अच्छाइयों के सिला भी दर्द में मिल जाया करता हैं.

उजालो में मिल ही जायेगा.. कोई ना कोई,

तलाश उसकी रखो, जो अन्धेरों में भी साथ दे..!!

कुछ लोगों से चाहे, कितनी ही बार मिल लीजिए, _

_ कितनी ही बातें कर लीजिए, कम ही लगती हैं !!

बताकर कुछ न कुछ कमियाँ निगाहों से गिराता है.

ज़माना नेक नीयत पर भी अब उंगली उठाता है….

कुछ बनना ही है तो समंदर बनो,

लोगों के पसीने छूट जायें, तुम्हारी औकात नापते- नापते..

छीनता हो जब तुम्हारा हक़ कोई उस वक़्त तो _

_ आंख से आंसू नहीं शोला निकलना चाहिए.

जितना दिखाते हो, उससे अधिक आपके पास होना चाहिए,

जितना जानते हो, उससे कम आपको बोलना चाहिए.

” शख़्सियत अच्छी होगी _ तभी लोग उस में बुराइयाँ खोजेंगे,

वरना बुरे की तरफ़ _ देखता ही कौन है “

आपकी बदनामी का धुंआ, वहीँ से उठता है ;

जहाँ आपके नाम से आग लग जाती है..

जिसे गुण की पहचान नहीं है, उसकी प्रशंसा से डरो ;

और जो गुण का जानकार है, उसके मौन से डरो..

निकले हैं वह लोग मेरी शख्सियत बिगाड़ने,

किरदार जिनके खुद के मरम्मत मांग रहे है.

वो ख़ुश हैं तुम्हारे बिना तो उन्हें ख़ुश रहने दो, _

_ तुम याद करोगे उन्हें, उन्हें इस भ्र्म में रहने दो ..

ख़ुद को दर्द दे कर भी _ तुमने बोलो क्या पाया !

जो भी देखता है, _ वो तुमको ही सुनाता है !!

एक गलती रोज़ कर रहे हैं हम,

जो मिल नहीं सकता, _ उसी पे मर रहे हैं हम !!

बिना फल वाले सूखे पेड़ पर_ कभी कोई पत्थर नहीं फैंकता.

पत्थर तो लोग उसी पेड़ पर मारते हैं _ जो फलों से लदा लदा होता है..

पेड़ों जैसी जिंदगी गुजर रही है,

फल भी खाते हैं लोग, हमसे तोड़ कर, और पत्थर भी मार देते हैं..

कभी उस चीज़ को मत छोड़ो,_ जो आप वास्तव मेँ चाहते हैं _

_ प्रतीछा करना कठिन है, लेकिन पछतावा करना अधिक कठिन है.

मनुष्य की आदत है जो सहज प्राप्त होता है उसकी कीमत नहीं समझता, _

_ जब जरा दूर हो जाए तब उसकी कीमत समझ में आती है.

” कोई भी चीज जब होती है तब उसकी कीमत पता नहीं चलती, _

_ खो जाने के बाद ढूंढते हैं, जो फिर कीमत देने पर भी नहीं मिलती “

यदि आप पर मुसीबत आती नहीं है, तो उस से सावधान रहें, _

_ लेकिन यदि मुसीबत आ जाती है तो, किसी भी तरह उस से छुटकारा पाएं..

सुख के लम्हों तक पहुंचते पहुंचते हम उन लोगों से जुदा हो जाते हैं ;_

_ जिनके साथ हमनें दुख झेल कर सुख का स्वप्न देखा था !!

सौम्य बातचीत, pleasing fragrance [मनभावन सुगंध], धुला हुआ चेहरा, व्यवस्थित बाल, acceptable standard के साफ कपड़े और चेहरे पर मासूमियत भरी प्यारी सी मुस्कान all – time hit होते हैं, _

_ निजी जीवन मे यही व्यवहार रखिए, __ पक्का सफल होंगे, _ कोई काम आपके मुताबिक न भी हो तब भी अपना प्यारा व्यवहार न बदलें ..

एक व्यक्ति जो दूसरों के साथ दया और ईमानदारी से व्यवहार करता है, और अपने अच्छे गुणों को अपने व्यवहार के माध्यम से दिखाता है,

_ वह लाभ की प्रतीक्षा नहीं करता है या जो वह प्रदान करता है उसके बदले में, वह अपने मानवीय गुणों की सच्चाई में दृढ़ है जिसे वह संजोता है.

दुनिया इतनी तेजी से बदल रही है कि _ अगर हम किसी एक ही नजरिए का दामन थामे रहेंगे,

_ तो आगे नहीं बढ़ सकते..

आप को क्यों लगता है कि ..हर कोई आप को अच्छा ही समझे ?

_ हर कोई आप की बात का सही मतलब ही निकाले ?

_ ये दुनिया जितनी बड़ी है, उतनी ही लोगों की सोचने-समझने की छमता भी अलग-अलग है.

_ आप मत पड़ो इस फेरे में कि कोई आप को क्या समझ रहा है,

_ जैसे हो वैसे ही ठीक हो आप..!!

वे हर चीज़ से असंतुष्ट हैं.

_ लेकिन वे चाहते सब कुछ हैं और घर बैठे..
_ कुछ पाने के लिए बहुत प्रयास करने पड़ते हैं.
_ लोगों से काम निकलवाने के लिए उनके काम भी आना पड़ता है..
_ पर यह वह नहीं कर सकते.
_ दूसरों के काम के वक़्त वे बिजी हो जाते हैं.
_ किसी को कुछ देना हो तो वे निर्धन बन जाते हैं.
_ औरों के सुख-दुःख में शरीक नहीं होंगे तो ..आपके काम कौन आएगा !
_ फिर रोयेंगे हाय !
_ ध्यान रखो कि यह दुनिया अन्योन्याश्रित [interdependent] है.
_ आप दूसरों के काम आओ ..दूसरे आपके काम आयेंगे.
_ कुछ नहीं करोगे तो ..आपकी संतान भी आपके काम नहीं आएगी..!!

अच्छे दिन के आने कि आस में ना जाने हम कितने अच्छे दिनों को गंवा बैठे हैं,

_ क्या आपने कभी महसूस किया है कि हम कभी कभी बेफिजूल के दुखी रहते हैं ?

” गुणवत्ता की कसौटी बनें ” कुछ लोंग ऐसे वातावरण के

_ अभ्यस्त नहीं होते जहां उत्कृष्टता अपेक्षित होती है ..

अव्यवस्था एक ऐसा हथियार है, _जिसका इस्तेमाल _हम खुद को नुकसान पहुंचाने के लिए करते हैं.

Clutter is a weapon we use to harm ourselves.

आप अलग तरह से चमकते हैं _ जब आपका आत्मविश्वास दूसरों से मान्यता के बजाय _ खुद पर विश्वास से भर जाता है.

You glow differently when your confidence is fuelled by belief in yourself instead of validation from others.

छह महीने की निरंतरता, व्यायाम, ध्यान, स्वस्थ भोजन करना और नए कौशल सीखना,

_ आपको मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से पूरी तरह से अलग जगह पर ले जाएगा..

Six months of consistency, exercising, meditating, eating healthily, and learning new skills, will take you to a completely different place mentally, physically and financially.

कई ऐसी आदतें हैं जो मुझे बहुत पहले छोड़ देनी चाहिए थी, पर कहते हैं ना जब तक ठोकर नहीं मिलती इंसान नहीं बदलता.

अब जब ज़िन्दगी समझ आ रही है तो ऐसी बहुत सी रोज़ की आदतें हैं जो मैंने पीछे छोड़ दी हैं.
1. ऊंची आवाज़ में बात करना।
2. बिना पूंछे अपने सुझाव देना।
3. पूरी बात सुने बिना ही जवाब देना।
4. जरूरत से ज्यादा मुंह चलाना
5. हर किसी से अपना दुख रोना।
6. बहाने बनाना।
7. अपने अफसोस।
8. दिखावा।
9. बस अपने आप को सच साबित करना।
10. बिना किसी ज्ञान के अपने आपको ज्ञानी बताना।
11. झूठा घमंड।
12. डर ( किसी जानवर से हो, या इंटरव्यू में जाने से, झूठ पकड़े जाना हो)
13. झूठ बोलना।
ये सारी आदतें पढ़ने में लगेगा, है क्या, इनको छोड़ना कौन सी बड़ी बात है, मुझे भी ऐसा ही लगा था , पर जब मैंने इन सारी आदतों को छोड़ने की कोशिश शुरू की , तब समझ में आया कि इन सारी आदतों ने मेरा बहुत कुछ सही होते हुए भी गलत करवाया है,
ये सारी आदतें छोड़ने की कोशिश करिए, आपको खुद में बदलाव समझ में आने लगेगा। भरोसा करिए। और आदतों को बदलना तभी आसान होगा जब आप खुद उन्हें बदलना चाहेंगे, वरना आदत नहीं छूटेगी आप कुछ भी कर लें।
एक बहुत बड़ी गंदी आदत है जो छोड़ना है, इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन “आलस”। आज का काम कल पर टालना। पूरी कोशिश कर रहा हूं, इसे सुधारने की.
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