मस्त विचार 1007 | Mar 28, 2016 | मस्त विचार | 0 comments अहमियत तेरी बता नहीं सकता. रिश्ता क्या है समझा नहीं सकता. तुम मेरे लिए इतने ख़ास हो कि, तुम जो नहीं साथ तो मैं मुस्करा नहीं सकता. Submit a Comment Cancel reply Your email address will not be published. Required fields are marked *Comment Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ