किसी ने मुझ से पूछा पुण्य क्या है ?
ज़वाब मुलाइजा करेँ—–
किसी के बुरे वक्त में मदद का हाथ बढ़ाना पुण्य है.
किसी के जख़्म ओ दर्द का मरहम बन जाना पुण्य है.
किसी रोते के पौंछकर आंसू हिम्मत बढ़ाना पुण्य है.
गम में घिरे हुए शक्श को गम भुला हँसाना पुण्य है.
विपत्ती में हौसला रखें हर कोई नहीं जानता ये हुनर,
गिरे हुए को उठाना उसका होसला बढ़ाना पुण्य है.
दूसरों के दिलों को खुशी बेरोजगार को देना रोजगार,
अपाहिज अंधे भूके को भर पेट रोटी खिलाना पुण्य है.
खुद के घरों को तो हर कोई सजाता है संवारता भी,
किसी के दिल को खुशियों से रोज सजाना पुण्य है.
खुद के लिए रोये तो क्या रोये मोल क्या आंसु का
दुनिया के किसी दुखी के लिए आँसू बहाना पुण्य है.