मंदिर में फूल चढ़ा कर आया तो यह एहसास हुआ कि…
पत्थरों को मनाने….फूलों का क़त्ल कर आया हूँ…
गया था” गुनाहों की माफ़ी मांगने…
वहाँ एक और गुनाह कर आया हूँ.
पत्थरों को मनाने….फूलों का क़त्ल कर आया हूँ…
गया था” गुनाहों की माफ़ी मांगने…
वहाँ एक और गुनाह कर आया हूँ.