जिंदगी जीने का यारो, कुछ ऐसा अंदाज हो जाए !
कांटो के मुसल्ले पे जैसे, गुलाब की नमाज हो जाए !!
रब राजी है जब तक मेरा,
मलंग की औकात नहीं, वो किसी से नाराज हो जाए !!
कांटो के मुसल्ले पे जैसे, गुलाब की नमाज हो जाए !!
रब राजी है जब तक मेरा,
मलंग की औकात नहीं, वो किसी से नाराज हो जाए !!