मान सम्मान हो या प्यार हो, ये कभी भी मांगने से नहीं मिलते.
ये वो पूंजी है जिसे कमाना पड़ता है और ये पूंजी वही कमा पाता है,
जो दूसरों पर भी यही खर्च करता है.
ये वो पूंजी है जिसे कमाना पड़ता है और ये पूंजी वही कमा पाता है,
जो दूसरों पर भी यही खर्च करता है.