मस्त विचार 193

परिंदों को मिलेगी मंज़िल यक़ीनन,

ये फैले हुए उनके पर बोलते हैं;

वो लोग रहते हैं खामोश अक्सर,

ज़माने में जिनके हुनर बोलते हैं.

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