मस्त विचार 2168

सजा बन जाती है गुजरे वक़्त की यादें,

_ ना जाने क्यों लोग, मतलब के लिए मेहरबान होते हैं.

हम जैसे हैं वैसा स्वीकारने वाले इस दुनिया में कम होते हैं,

_ ग़र कोई हमारी ज़िंदगी में ऐसा है तो यकीं करिए, हम पर ख़ुदा की मेहर है.!!

Submit a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected