ताल्लुक कौन रखता है किसी नाकाम से लेकिन,
मिले जो कामयाबी सारे रिश्ते बोल पड़ते हैं.
मेरी खूबी पे रहते हैं यहां अहले ज़बान खामोश,
मेरे ऐबों पे चर्चा हो तो गूंगे बोल पड़ते हैं.
मिले जो कामयाबी सारे रिश्ते बोल पड़ते हैं.
मेरी खूबी पे रहते हैं यहां अहले ज़बान खामोश,
मेरे ऐबों पे चर्चा हो तो गूंगे बोल पड़ते हैं.