एक कोशिश और कर बैठ न तू हार कर
तू है पुजारी कर्म का
थोडा तो इंतज़ार कर
विश्वास को दृढ़ बना
संकल्प को कृत बना
एक कोशिश और कर बैठ न तू हार कर.
तू है पुजारी कर्म का
थोडा तो इंतज़ार कर
विश्वास को दृढ़ बना
संकल्प को कृत बना
एक कोशिश और कर बैठ न तू हार कर.