मस्त विचार 226

कोई वादा ना कर, कोई इरादा ना कर;

ख्वाहिशों में खुद को आधा ना कर;

ये देगी उतना ही जितना लिख दिया

खुदा ने;

इस तकदीर से उम्मीद ज़्यादा ना कर.

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