मस्त विचार 231

मैंने तुमको अपना जाना, अपने से भी ज्यादा माना.

पर इतना सब करने पर भी, तुमने क्या मुझको पहचाना.

तुम तो अब भी पहले जैसे, लगते हो वैसे के वैसे.

मै कितना मजबूर हुआ हूँ, अपनों से भी दूर हुआ हूँ.

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