सोच रहा हूँ कुछ अपने बारे में लिखूँ.
मन है परेशान उसकी व्यथा क्या लिखूँ.
मिलना- बिछुड़ना सब हो रहा एक साथ.
इसको क्या तो गाऊं और क्या तो रोऊँ.
सुख- दुःख के बीच से ही ज़िन्दगी गुजरी है.
बाकि क्या बताऊँ कि मुझपे क्या गुजरी है.
अब अपने बारे में और क्या लिखूँ.
सुख- दुःख के बीच से ही ज़िन्दगी गुजरी है.