धन्यवाद है तुम्हे, धन्यवाद है तुम्हे.
तूने जोड़ दिया है मुझे, दिव्य प्रेमियों के समूह संग.
मेरा तड़पना कब शुरू हुआ, पता नहीं.
मै तो व्यस्त था, दुनिया के कामों में.
पर घर वापसी की चाह छूटी न कभी.
एक दिन थक गया, कोई शक्ति न रही.
मुझे उठा लिया अचानक तेरे दिव्य प्रेम ने.
इस रहस्य को कैसे कहूँ.
बस इतना ही कह सकता हूँ.
धन्यवाद है तुम्हे, धन्यवाद है तुम्हे.