मस्त विचार 2779

न रुकी वक़्त की गर्दिश और न ज़माना बदला..#

#..पेड़ सुखा तो परीन्दो ने, ठिकाना बदला…!

थी जिनके इशारे पर गर्दिश ए दुनिया,

_ इस दौर में उनके भी भरम टूट रहे हैं.

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