मस्त विचार 2883

फिर एक दिन हसरतों से हार कर,

हकीकत से मैंने भी दोस्ती कर ली !!!

हसरतों को छोड़ना ही उचित है, क्योंकि

यह दुखों को निमंत्रण है; हकीकत में आना ही सुखों का आगमन है.

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