बस यही सोच कर हर तपिश में जलता आया हूँ,
_ धूप कितनी भी तेज़ हो समंदर नहीं सूखा करते.
जिन्दगी की तपिश को सहन कीजिए जनाब…
_ अक्सर वे पौधे मुरझा जाते हैं, जिनकी परवरिश छाया में होती है..!
_ धूप कितनी भी तेज़ हो समंदर नहीं सूखा करते.
_ अक्सर वे पौधे मुरझा जाते हैं, जिनकी परवरिश छाया में होती है..!