अँधेरे कहाँ समझते हैं, मशाल के जलने का दर्द.
वजह कोई भी हो, हर सूरत में दोनों की मात तो है.
डूबने वाले के लिए फर्क नहीं, मझधार और किनारे में.
बेबसी का मतलब, ज़िन्दगी के उलझे हालात ही तो हैं.
वजह कोई भी हो, हर सूरत में दोनों की मात तो है.
डूबने वाले के लिए फर्क नहीं, मझधार और किनारे में.
बेबसी का मतलब, ज़िन्दगी के उलझे हालात ही तो हैं.