आसान नहीं है उस शख्स को समझना ;
जो जानता सब कुछ हो ; पर बोलता कुछ भी नहीं…
जोर से मत बोलिए, कोई भी बोलता है तो मैं सिहर उठता हूं.
आदमी का जीवन कितना बड़ा होता है, जो उसे इस तरह गुजारा जाए ?
जो जानता सब कुछ हो ; पर बोलता कुछ भी नहीं…
आदमी का जीवन कितना बड़ा होता है, जो उसे इस तरह गुजारा जाए ?