कुछ तो बात होगी तेरे खारेपन में ‘ ऐ समंदर ‘..
_ वर्ना हर मीठी नदी तुझसे मिलने नहीं आती…!!
अगर मेरी प्यास बुझा दे तो मैं मानू वरना..
_ तू समंदर है तो होगा मेरे किस काम का..!!
_ वर्ना हर मीठी नदी तुझसे मिलने नहीं आती…!!
_ तू समंदर है तो होगा मेरे किस काम का..!!