किसी पर इतना भी गौर नही करना चाहिए, कि वो आपको इग्नोर करने लग जाये.
बहुत बार शब्द या बातें हमें चुभती हैं.. दरअसल वो तीर बातों में नहीं होते,
_ पर जब हम उन बातों को दिल पर ले लेते हैं.. तब जाकर चुभते हैं.
_ इसलिए इग्नोर करने की कला सीखनी चाहिए..
..बस हमें कान का कच्चा नहीं होना चाहिए.. इग्नोर करने में ही लाभ है.!!