ख़्वाबों के मखमल से, बाहर आइए जनाब..!
_ हक़ीक़त की धूप, आपका इंतज़ार कर रही है !!
हम किसी कि ज़रूरत और आदत हो सकते हैं,
_लेकिन हक़ीक़त में हम किसी के लिए ज़रूरी नहीं होते !!
कुछ हक़ीक़त ऐसी होती हैं, जिनका सच मानने में हम तमाम उम्र गुज़ार देते हैं.