मस्त विचार 3677

मिलेगी परिंदों को मंजिल ये उनके ‘पर’ बोलते हैं,

_ रहते है कुछ लोग ख़ामोश लेकिन उनके हुनर बोलते है.

ख्वाब तो परिंदों के होते हैं आसमान छूने के,

_ इंसान की नस्ल तो बस गिरने गिराने में लगी है..!!

उड़ना तो हर कोई चाहता है लेकिन आसमान हुनर पहचानता है..!!

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