यहां सभी को मतलब है, ” बेमतलब “कुछ नहीं है,
_यहां मैं भी मतलबी हूं, और तू भी मतलबी है..
लोग अपने बुरे बर्ताव के लिए आपसे कभी माफ़ी नहीं मांगेंगे,
लेकिन उनके बुरे बर्ताव के बाद आप में आए बदलाव के लिए आप को दोष जरूर देंगे.
लोग आपसे वैसा ही बर्ताव करते हैं.. जैसा वो आपके लिए महसूस करते है..!!
हां..! कर लिया हूं दरकिनार ..खुद को मतलबी लोगों से..
_ जो सिर्फ अपने मतलब खत्म होने तक साथ रहते हैं ..फिर बर्ताव ऐसा करते हैं कि ..जैसे पहचानते ही ना हो.
_ मुझे चाहिए भी नहीं ..अपने जीवन में ऐसे लोगों की भीड़ !!
_ मैं अकेला ही ठीक हूं..!!