मैंने छोटी- छोटी बातों पर रोना क्या छोड़ दिया,
_ लोग समझने लगे मुझे तकलीफ नहीं होती..
हर इंसान को किसी दूसरे इंसान की तलाश रहती है कि _कोई उसे भी सुनने वाला हो, _ कोई उसे भी समझने वाला हो _ या फिर वो अपनी जिंदगी के पल, खुशी, गम किसी से बाटे !!
कहीं न कहीं सारे लोग उलझे हुए हैं, या फिर किसी का दिल टूटा है, किसी के साथ कुछ हो गया _ जिससे परेशान है, वगैरह -वगैरह..!!
_ और उनके पास कोई सुनने या समझने वाला भी नहीं होता..!!