लंबा धागा और लंबी जुबान केवल समस्याएं ही पैदा करती है…..
….इसलिए धागे को लपेटकर और जुबान को समेटकर ही रखना चाहिए.
” जुबान ” सबकी होती है, कोई बात करता है कोई बकवास.
_ करने दो जो बकवास करते हैं, खाली बर्तन ही आवाज़ करते हैं.
जिसका दिमाग ज्यादा नहीं चलेगा, उसकी जुबान बहुत चलती मिलेगी ;
_ पढ़ा-लिखा इंसान ज्यादा तू-तू मैं-मैं नहीं करता.!!