अगर बुरी आदतों को सही समय पर नही बदला जाता है,
_तो वे आपके सही समय को गलत में बदल देगी.
कुछ आदतें बिना किसी पीड़ा में फंसे छोड़ देनी चाहिए, बिना उसके किसी विकल्प के.. “बस संकल्प के साथ.”
_विकल्प से छूटी आदतें पीछा करती हैं.
_ दंश से छूटी आदत यादों के सीने में खंजर चुभोती हैं, लेकिन जिसे हम सहजता से छोड़ देते हैं, वो मन में गौरव पैदा करती है.
_आदमी कुछ भी छोड़ सकता है. “कुछ भी”
_बस चाहना होता है..!!