लोगों ने मुझ पर फेंके थे पत्थर जो बेशुमार,
_ मैंने उन्हीं को जोड़कर एक घर बना लिया.
कुछ लोगों की प्रवृत्ति होती डंक मारने की..
_मौका मिलते ही मार देते है …और आप हैरान देखते रह जाते हैं..!!
तैरना सिख लो ज़िन्दगी के समंदर में, डुबाने वाले यहाँ बस मौका देखते हैं.!!