हक़ीक़त को तलाश करना पड़ता है…अफवाहें तो घर बैठे आप तक पहुँच जाती है…
अफ़वाह का धुंआ वहीँ से उठेगा, जहां आपके नाम की आग हो.!!
लोग चाहते तो है आप अच्छा करो, लेकिन ये नहीं चाहते की आप उनसे अच्छा करो..
_ एक हक़ीक़त तो यह भी है.
किसी के भी बारे में झूठी अफवाहें फैलाने से सच्चाई बदल नहीं जाती है.!!