क्यूं कहते हो मेरे साथ कुछ भी बेहतर नही होता,
_ सच ये है के जैसा चाहो वैसा नही होता,
_ कोई सह लेता है कोई कह लेता है क्यूँकी,
_ ग़म कभी ज़िंदगी से बढ़ कर नही होता.!!
ज़िन्दगी की हर राह पर नए ग़म मिलेंगे
_ कहीं ज़्यादा तो कहीं कम मिलेंगे..
_ सोच-समझ के किसी पर ऐतबार करना..
_ ज़रूरी नहीं कि हर मोड़ पर हम मिलेंगे.!!