मस्त विचार 4194

चुपचाप बैठे हैं आज सपने मेरे, लगता है फिर हकीकत ने सबक सिखाया है..
पहले ज़िंदगी रोज़ नया सबक़ सिखाती थी, अब भी सिखाती है,

_ फ़र्क़ सिर्फ़ इतना है कि पहले थपकी देकर सिखाती थी और अब थप्पड़ मार कर सिखाती है..!!

Submit a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected