चुपचाप बैठे हैं आज सपने मेरे, लगता है फिर हकीकत ने सबक सिखाया है..
पहले ज़िंदगी रोज़ नया सबक़ सिखाती थी, अब भी सिखाती है,
_ फ़र्क़ सिर्फ़ इतना है कि पहले थपकी देकर सिखाती थी और अब थप्पड़ मार कर सिखाती है..!!
_ फ़र्क़ सिर्फ़ इतना है कि पहले थपकी देकर सिखाती थी और अब थप्पड़ मार कर सिखाती है..!!