“ओंस” की “बूंद_सा” हैं “ज़िंदगी” का सफर भी,
कभी “फूल” में तो कभी “धूल” में…।।
लोग कहते हैं कि हो जाता है संगत का असर,
_ पर काँटों को तो आया नहीं, आज तक फूलों के साथ रह कर भी महकना..!!
कभी “फूल” में तो कभी “धूल” में…।।
_ पर काँटों को तो आया नहीं, आज तक फूलों के साथ रह कर भी महकना..!!