मस्त विचार 4254

कल वो चालाक था, इसलिए दुनिया को बदलना चाहता था ;

आज वो बुद्धिमान है, इसलिए अपने आप को बदल रहा है.

चालाकियों से किसी को कुछ देर तक मोहित किया जा सकता है,

_ पर जहाँ दिल जीतने की बात आती है तो सरल और सहज होना जरुरी है,
_ नही तो मन में उतरने और मन से उतरने में ज्यादा वक्त नही लगता है..!!
चालाक इंसान कितनी भी चालाकी दिखा ले.. हमेशा मुंह की खाता है,

_ क्योंकि रंग बदलने वाले को रंग बदलने वाले ही रास आते हैं..
_ और बाद में होता ये है अपनी ही चाल में ठगा जाता है.
_ इसीलिए रिश्तों में चालाकी मत दिखाओ..
_ अगर दिखाओगे… आजीवन किसी सही इंसान के साथ टिक ही नहीं पाओगे..!!
चालाकी करी तो नहीं.. चालाकी झेलने की ताकत भी नहीं रही.!!

— कभी-कभी इंसान के भीतर इतनी सच्चाई और सरलता होती है कि वह चालाकी करना तो दूर, उसे सहन करने की शक्ति भी खो देता है.
_ यह कमजोरी नहीं, बल्कि आत्मा की थकान है—जहाँ दिल अब बस पारदर्शिता और सच्चाई चाहता है.
_ यह एहसास याद दिलाता है कि हमें अपनी जगह वहीं तलाशनी चाहिए, जहाँ चालाकी नहीं, बल्कि सच्चे मन का साथ हो.!!

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