कोई दवा नही है उसके रोगो की, जो जलता है तरक्की देखकर लोगो की.!!
लोग आपकी तरक्की तो चाहते हैं.. पर जब आप उनसे आगे बढ़ने लगते हैं,
_ तब उनकी शांति डगमगाने लगती है.!!
_ तब उनकी शांति डगमगाने लगती है.!!
जैसे कीचड़ में भी कमल खिलता है, वैसे ही लोगों के बुरे बोल आपकी तरक्की कभी नहीं रोक सकते.!!
कीचड़ उछालने से कोई साफ नहीं होता..
_उल्टा छींटें उड़ाने वाला खुद और ज्यादा गंदा नज़र आता है.!!