विपरीत परिस्थितियों में आपके पास दो ही विकल्प होते हैं,
_ या तो हार मानकर बैठ जाएं या लड़ें और जीत की गुंजाइश पैदा करें.
अगर सच में आगे बढ़ना चाहते हो, तो शब्द कम और सुनने की क्षमता ज्यादा रखो, यही जीत का पहला कदम है.!!
_ या तो हार मानकर बैठ जाएं या लड़ें और जीत की गुंजाइश पैदा करें.