मंज़िलें तो बहुत हैं पर कोई साथ नहीं,
वीरानों में भटकना ही मेरी ज़िन्दगी है,
लगता है जैसे किसी को मेरी जरुरत नहीं,
मंज़िलें तो बहुत है पर कोई साथ नहीं.
वीरानों में भटकना ही मेरी ज़िन्दगी है,
लगता है जैसे किसी को मेरी जरुरत नहीं,
मंज़िलें तो बहुत है पर कोई साथ नहीं.