जीवन तो खाली किताब है, कोरा पन्ना है.
कोरा पन्ना न सार्थक होता न व्यर्थ होता, सिर्फ खाली होता है –
– उस पर क्या लिखोगे, सब इस पर निर्भर करता है.
कोरा पन्ना न सार्थक होता न व्यर्थ होता, सिर्फ खाली होता है –
– उस पर क्या लिखोगे, सब इस पर निर्भर करता है.