मस्त विचार 066

तू चाहे तो फिर खिल जाऊँ.

तू चाहे तो फिर बहार आये.

फिर से तू मुझको खिला दे.

फिर से तू जीवन मस्त बना दे.

Submit a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected