तुम चाहो तो शूल को भी फूल बना दो.
तुम चाहो तो प्रतिकूल को अनुकूल बना दो.
चाहने की देर है और बस कुछ भी नहीं.
तुम चाहो तो आसमान को धूल बना दो.
तुम चाहो तो प्रतिकूल को अनुकूल बना दो.
चाहने की देर है और बस कुछ भी नहीं.
तुम चाहो तो आसमान को धूल बना दो.