मस्त विचार 833 | Oct 6, 2015 | मस्त विचार | 0 comments क्या क्या न कहा लोगों ने मगर यकीन हम ने तो अपने यकीन पे किया बाहर से टूटता रहा सब पर भीतर से एक शीशा भी हम ने तड़कने न दिया. Submit a Comment Cancel reply Your email address will not be published. Required fields are marked *Comment Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ