कोई रुठे तो उसे मनाना सीखो … रिश्ते तो मिलते है मुकद्दर से, बस उन्हे खूबसूरती से निभाना सीखों…
कोई टूटे तो उसे सजाना सीखो,
कोई रुठे तो उसे मनाना सीखो … रिश्ते तो मिलते है मुकद्दर से, बस उन्हे खूबसूरती से निभाना सीखों…
कोई टूटे तो उसे सजाना सीखो,