पानी आकाश से गिरे तो…..बारिश, आकाश की ओर उठे तो…..भाप, अगर जम कर गिरे तो…..ओले, अगर गिर कर जमे तो…..बर्फ, फूल पर हो तो…..ओस, फूल से निकले तो…..इत्र, जमा हो जाए तो…..झील, बहने लगे तो…..नदी, सीमाओं में रहे तो…..जीवन, सीमाएं तोड़ दे तो…..प्रलय, आंख से निकले तो…..आंसू, और शरीर से निकले तो…..पसीना.
पानी तेरे कितने नाम…..
ये पत्थर पानी का रास्ता रोकने आए हैं, उन्हें इसका अंदाज़ा नहीं है.
_ पत्थरों से टकराकर पानी और उफान के साथ बहता है..!!