क्या है उससे अपना नाता ?
मन के अँधेरे को तू है मिटाता, ज्ञान के प्रकाश को है बिछाता.
प्रेम की पुलक को है बढ़ाता, भटकों को सन्मार्ग दिखाता.
रोते मन को रोज हंसाता, मृत जीवन में साँस चलाता.
दुखियों के दुःख दर्द मिटाता, सदाचार का पाठ पढाता.
क्या है उससे अपना नाता ?