मैं लोगों से मुलाक़ातों के.,…..लम्हे याद रखता हूँ.
मैं बातें भूल भी जाऊँ.,…..तो लहजे याद रखता हूँ.
सा-री-महफ़िल निगाहें मुझ पे.,…..जिन लोगों की पड़ती हैं.,
…निगाहों के हवाले से वो चेहरे हमेशा याद रखता हूँ
ज़रा सा हट के चलता हूँ .,……..ज़माने की रवायात से
के जिन पे बोझ मैं डालूं ……”वो कंधे याद रखता हूँ “