क्या जाने अगला पल हमको
किस मंजिल तक लेकर जाए
हँसी खुशी की सौगातें दे
या जीभरकर हमें रुलाए
अतः नहीं अच्छा है बिल्कुल
जग में नफरत के विष बोना
नहीं चाहिए कि हम कलुषित
रखें मन का कोई कोना
रहना है तो रहो प्रेम से
नहीं किसी से नफरत करना
करना है यदि प्यार किसी से
समझो अपने से ही करना!