।। जमीन ।।
रहते हैं जमीन पर, मगर,
दिल में उड़ने का जज्बा रखते हैं,
इन्सां हैं मामूली, मगर,अपने अंदर,
प्यार का समंदर रखते हैं।
खरीदी गयी ख़ुशी, टिकती नहीं,
दिल की ख़ुशी कभी बिकती नहीं,
हमने चाही नहीं खुशियाँ कभी भीख में,
रब से हम सबकी खुशियों की दुआ करेंगे।
मौकापरस्ती तो एक छलावा है,
इसकी बेल कभी फलती नहीं ।
दिल के अरमानों को कभी ना हम,
आँसुओं में बहने देंगे,
ना गिला करेंगे,ना शिकवा करेंगे,
तूफ़ान एक नया हौसलों का,खड़ा करेंगे।
उतार चढ़ाव तो है,सफर के किस्से,
इन किस्सों की कश्ती पे हम,
अपनी मंजिल तय करेंगे ।
बड़े चर्चे है लोगों की अमीरी के,
बदलती है फितरतें,बदलते मौसम की तरह
इस दरख़्त ने अच्छे अच्छन को,
पल में खाक में मिलते देखे,
घमंड ना करना हासिली का पीके,
हमने पल में वक़्त बदलते देखे.
।। पीके ।।