एक ही समानता है पतंग और जिंदगी में,
_ ऊंचाई में हो तब तक ही वाह- वाह होती है.
मैं समानता और समता के मूल सिद्धांत का पालन करता हूं,
_ मैं ज़्यादा पढ़ा हूं, महज इतने से मैं श्रेष्ठ हो गया ..ऐसा मुझे नहीं लगता..!!
_ ऊंचाई में हो तब तक ही वाह- वाह होती है.
_ मैं ज़्यादा पढ़ा हूं, महज इतने से मैं श्रेष्ठ हो गया ..ऐसा मुझे नहीं लगता..!!